
नई दिल्ली/न्यूयॉर्क: भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में शनिवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और उन्हें आतंकवाद को महिमामंडित करने तथा “बेतुके नाटक” करने वाला बताया। भारत ने पाकिस्तान के कश्मीर पर दावे और सिंधु जल संधि पर टिप्पणी को पूरी तरह खारिज कर दिया।
भारतीय राजनयिक पेटल गहलोत ने जवाब के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए कहा,
“सुबह इस महासभा ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का बेतुका नाटक देखा, जो एक बार फिर आतंकवाद का महिमामंडन कर रहे थे, जो उनकी विदेश नीति का केंद्रबिंदु है। लेकिन कोई भी झूठ और नाटक सच्चाई को नहीं छुपा सकता।”
गहलोत ने पाकिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकियों को बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा,
“यह वही पाकिस्तान है जिसने 25 अप्रैल 2025 को सुरक्षा परिषद में ‘रेजिस्टेंस फ्रंट’ जैसे पाक प्रायोजित आतंकी संगठन को जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों के नरसंहार के लिए जवाबदेह ठहराने से बचाया।”
गहलोत ने पाकिस्तान के आतंकियों को पनाह देने के इतिहास को उजागर करते हुए कहा,
“एक ऐसा देश जो दशकों से आतंकवाद को पालता-पोसता आया है, अब भी सबसे हास्यास्पद दावों के साथ दुनिया को गुमराह करने में लगा है। इसने ओसामा बिन लादेन को 10 साल तक छुपाकर रखा, जबकि वह आतंक के खिलाफ युद्ध में साझेदारी का दिखावा कर रहा था। अभी हाल ही में उनके मंत्रियों ने यह स्वीकार किया है कि वे वर्षों से आतंकी शिविर चला रहे हैं।”
कश्मीर पर पाकिस्तान की टिप्पणी को भारत ने किया खारिज
इससे पहले अपने भाषण में शाहबाज शरीफ ने जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए कहा,
“मैं कश्मीरी लोगों को भरोसा दिलाता हूं कि पाकिस्तान उनके साथ खड़ा है और जल्द ही भारत का अत्याचार खत्म होगा।”
भारत ने इसे पाकिस्तान की विफलताओं से ध्यान भटकाने की कोशिश बताया और पारंपरिक आतंकी समर्थन नीति का हिस्सा करार दिया।
सिंधु जल संधि पर भी भारत ने दी सफाई
शरीफ ने भारत पर 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने का आरोप लगाया। भारत ने अप्रैल 2025 में यह संधि अस्थायी रूप से निलंबित की थी, जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक आतंकी हमले में 26 नागरिकों की जान गई थी। भारत ने स्पष्ट किया है कि जब तक पाकिस्तान साक्ष्य आधारित कदम उठाकर आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करता, संधि बहाल नहीं होगी।
संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान की कश्मीर नीति, आतंकवाद के समर्थन, और झूठे प्रचार पर खुलकर हमला बोला। भारत ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अब विश्व समुदाय के सामने पाकिस्तान की दोहरे चेहरे वाली नीति नहीं छिप सकती।
 
            
