Iran Israel Conflict: तेहरान और तेल अवीव में धमाके, ट्रंप ने दी सख्त चेतावनी

Iran Israel Conflict: तेहरान और तेल अवीव में धमाके, ट्रंप ने दी सख्त चेतावनी
Iran Israel Conflict: तेहरान और तेल अवीव में धमाके, ट्रंप ने दी सख्त चेतावनी

नई दिल्ली: ईरान और इजराइल के बीच जारी संघर्ष अब पांचवें दिन में प्रवेश कर चुका है, और इस बीच एक बड़ा कूटनीतिक संकेत सामने आया है। The Wall Street Journal की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने इजराइल और अमेरिका को अरब मध्यस्थों के माध्यम से यह संदेश भेजा है कि वह हिंसा समाप्त कर परमाणु कार्यक्रम को लेकर फिर से बातचीत के लिए तैयार है — बशर्ते अमेरिका इस संघर्ष में प्रत्यक्ष रूप से शामिल न हो और इजराइल का समर्थन सीमित रखे।

तेहरान और नतांज में धमाके, तेल अवीव में सायरन

मंगलवार तड़के तेहरान और नतांज में कई विस्फोटों की खबर आई। ईरानी मीडिया के अनुसार, राजधानी के ऊपर एंटी-एयरक्राफ्ट गन से जवाबी कार्रवाई की गई। नतांज, जो ईरान की प्रमुख परमाणु सुविधा का केंद्र है, वहां भी इसी प्रकार की सैन्य गतिविधि दर्ज की गई। दूसरी ओर, तेल अवीव में आधी रात के बाद सायरन बजे और उसके तुरंत बाद ईरानी मिसाइलों के धमाके सुनाई दिए।

इजराइल का ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’

तनाव की शुरुआत 13 जून को हुई जब इजराइल ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ नाम से ईरान के परमाणु ठिकानों पर एक बड़ा हमला किया। यह हमला उस समय हुआ जब केवल दो दिन बाद अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु बातचीत शुरू होनी थी। इजराइल ने इसे एक पूर्व-खतरे के तहत उठाया गया कदम बताया ताकि ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोका जा सके।

ईरान का जवाबी हमला और बढ़ती तबाही

ईरान ने इजराइल के इस हमले के जवाब में मिसाइलों से हमला किया। रिपोर्टों के अनुसार, बीते पांच दिनों में ईरान में 224 लोगों की मौत हुई है, जिनमें अधिकतर नागरिक हैं। वहीं इजराइल ने 24 नागरिकों की मौत और लगभग 3,000 लोगों के सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरण की पुष्टि की है।

डोनाल्ड ट्रंप का हस्तक्षेप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हालात को देखते हुए कनाडा में चल रहे G7 शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले ही लौटने का फैसला किया है। उन्होंने Truth Social पर लिखा:
“ईरान को वही ‘सौदा’ मान लेना चाहिए था जो मैंने उन्हें बताया था। यह दुखद है और मानव जीवन की बर्बादी। सीधा कहूं तो — ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकते। मैंने बार-बार कहा है! सभी लोगों को तुरंत तेहरान खाली कर देना चाहिए।”

2015 परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने की कोशिश

यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हो रहा है जब 2015 के संयुक्त व्यापक कार्य योजना (JCPOA) को फिर से जीवित करने के प्रयास जारी हैं। इस समझौते के तहत ईरान को परमाणु कार्यक्रम सीमित करने के बदले प्रतिबंधों में राहत दी गई थी। अमेरिका ने 2018 में ट्रंप प्रशासन के दौरान इस समझौते से खुद को अलग कर लिया था, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया था।

ईरान का यह कूटनीतिक संकेत कि वह बातचीत के लिए तैयार है, इस भयंकर संघर्ष में उम्मीद की एक किरण है। अब देखना होगा कि अमेरिका, इजराइल और अन्य वैश्विक ताकतें इस संकेत को कैसे लेती हैं और क्या कोई राजनयिक समाधान निकाला जा सकेगा या यह संकट और गहराएगा।

Digikhabar Team
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