13 जून 2025 से शुरू हुआ ईरान और इज़राइल का संघर्ष अब 12 दिनों के बाद भी जारी है। इस बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कतर की मध्यस्थता से एक संघर्ष-विराम (ceasefire) प्रस्ताव आया, जिसे दोनों देशों ने अस्थायी रूप से स्वीकार कर लिया।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में इसे “complete and total ceasefire” बताया, और कहा कि यह लगभग 24 घंटे में प्रभावी हो जाएगा। उन्होंने इज़राइल और ईरान से संयम बरतने की अपील की और इज़राइल से विशेष रूप से कहा, “बम न गिराए, पायलट को घर ले आएँ।”
लेकिन संघर्ष-विराम घोषित होने के कुछ ही घंटों बाद आरोप–प्रत्यारोप शुरू हो गए। इज़राइल ने दावा किया कि ईरान ने मिसाइलें दागी हैं जिससे कुछ नागरिक मारे गए। ईरान ने सुरक्षाओं की कार्रवाई की बात बताई, लेकिन कुछ घटनाओं को लेकर उसने सहमति की स्थिति स्पष्ट नहीं की ।
उनके बीच का तनाव जारी है, दोनों पक्ष एक-दूसरे पर संघर्ष-विराम का उल्लंघन करने का आरोप लगा रहे हैं। ट्रंप ने इज़राइल और ईरान, दोनों को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने हमले जारी रखे, तो उन्हें इस पर बहुत नाराज़गी होगी।
पिछले सप्ताह की कार्रवाइयों में ईरान ने कतर स्थित अमेरिकी अल-उदैद एयरबेस पर मिसाइलें दागीं, लेकिन पहले से चेतावनी दे दी थी, ताकि कोई हताहत न हो। वहीं इज़राइल ने 13 जून को ईरान पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए, जिनमें कई शीर्ष सैन्य व वैज्ञानिक लक्ष्य शामिल थे।
बाजारों ने इस संघर्षविराम को एक सकारात्मक संकेत के रूप में लिया; गैस की कीमतें दो सप्ताह के न्यूनतम स्तर पर आ गईं और शेयर बाजारों में तेजी देखी गई।
कुल मिलाकर स्थिति इतनी सरल नहीं है। संघर्ष-विराम फिलहाल लागू है लेकिन बहुत नाजुक है। दोनों देश एक-दूसरे पर मिसाइल हमलों के आरोप लगा रहे हैं, जबकि वैश्विक शक्तिया, विशेष रूप से अमेरिका और कतर, शांति बनाए रखने की दिशा में प्रयास कर रही हैं। संघर्ष अभी पूरी तरह थमा नहीं है, और भविष्य की वार्ताओं व तनावपूर्ण हालात पर सबकी निगाहें टिकी हैं।