
जापान में घटती जन्म दर एक बड़ी समस्या बन गई है, और अब टोक्यो सरकार ने इसका हल निकालने के लिए एक अहम कदम उठाया है। अप्रैल 2025 से टोक्यो के सरकारी कर्मचारियों के लिए चार दिन का काम हफ्ते में लागू होगा। इसका मकसद परिवारों को एक साथ अधिक समय बिताने का मौका देना और प्रजनन दर को सुधारना है।
चार दिन का काम क्या होगा?
इस योजना के तहत, टोक्यो के सरकारी कर्मचारी हफ्ते में 3 दिन छुट्टी ले सकेंगे। इसका मतलब है कि कर्मचारी अब ज्यादा समय अपने परिवार के साथ बिता सकेंगे। साथ ही, जिनके छोटे बच्चे हैं, उन्हें जल्दी काम छोड़ने की भी सुविधा मिलेगी। हालांकि, इसके बदले उन्हें थोड़ी कम सैलरी मिलेगी। टोक्यो के गवर्नर युरिको कोइके का कहना है कि यह कदम लोगों को अपने काम और परिवार के बीच संतुलन बनाने में मदद करेगा, ताकि उन्हें किसी एक को चुनने की परेशानी न हो।
जन्म दर में गिरावट
जापान में जन्म दर काफी गिर गई है, जो कि देश के लिए गंभीर चिंता का कारण है। 2024 में जापान की जन्म दर 1.2 प्रतिशत तक पहुंच गई थी, जो बहुत ही कम है। ऐसे में टोक्यो सरकार ने यह कदम उठाया है ताकि लोग परिवार बढ़ाने के बारे में सोचें। जापान में स्थिर जनसंख्या बनाए रखने के लिए 2.1 प्रतिशत की जन्म दर जरूरी है। गवर्नर कोइके ने कहा कि टोक्यो को इस स्थिति से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए, ताकि देश की अर्थव्यवस्था और समाज को बेहतर किया जा सके।
अन्य देशों में भी यही समस्या
जापान अकेला ऐसा देश नहीं है, जो इस समस्या से जूझ रहा हो। दक्षिण कोरिया की जन्म दर 0.72 प्रतिशत तक गिर गई है, और चीन में भी जन्म दर गिरकर 1.18 प्रतिशत हो गई है। सिंगापुर में भी जन्म दर 0.97 प्रतिशत हो गई है। ये सभी देश इस समस्या से निपटने के लिए उपाय खोज रहे हैं।
इन देशों में महिलाओं के लिए पारंपरिक भूमिका और लैंगिक असमानता जैसी सामाजिक समस्याएं इस गिरती जन्म दर का कारण बन रही हैं। ऐसे में ये देश परिवार बढ़ाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रहे हैं।
टोक्यो का कदम और इसके फायदे
अगर टोक्यो में यह योजना सफल रहती है, तो यह न सिर्फ सरकारी कर्मचारियों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि निजी क्षेत्र में भी लागू हो सकता है। इससे कर्मचारियों को काम और परिवार के बीच बेहतर संतुलन बनाने का मौका मिलेगा। इस तरह से कर्मचारियों की उत्पादकता भी बढ़ सकती है क्योंकि वे अपने निजी जीवन और करियर दोनों में संतुलन बनाए रख सकेंगे।
यह कदम टोक्यो में परिवारों के लिए एक नई उम्मीद हो सकता है। अगर यह सफल हुआ, तो यह दूसरे देशों में भी एक उदाहरण बन सकता है कि कैसे हम काम को पारिवारिक जीवन के साथ संतुलित कर सकते हैं।
भविष्य में क्या हो सकता है?
जापान और बाकी एशियाई देशों के सामने बढ़ती जन्म दर की समस्या एक बड़ी चुनौती है। टोक्यो का यह कदम एक शुरुआत हो सकता है, लेकिन इसके असर को देखने के लिए कुछ समय लगेगा। अगर यह योजना सफल रहती है, तो यह दुनिया के दूसरे देशों के लिए भी एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन सकती है कि काम और पारिवारिक जीवन का संतुलन कैसे बनाया जाए।