Atul Subhash suicide case में Nikita Singhania की अंतरिम जमानत याचिका पर Karnataka High Court का आया चौकाने वाले आदेश

Atul Subhash suicide case में Nikita Singhania की अंतरिम जमानत याचिका पर Karnataka High Court का आया चौकाने वाले आदेश
Atul Subhash suicide case में Nikita Singhania की अंतरिम जमानत याचिका पर Karnataka High Court का आया चौकाने वाले आदेश

बेंगलुरु 3 जनवरी 2025: कर्नाटका हाईकोर्ट ने एक अहम आदेश जारी करते हुए बेंगलुरु की सत्र अदालत को निकिता सिंघानिया की अंतरिम जमानत याचिका पर 4 जनवरी तक सुनवाई करने और निर्णय लेने का निर्देश दिया है। निकिता सिंघानिया, जो कि टेक्नोलॉजिस्ट अतुल सुभाष की पत्नी हैं, जिनकी आत्महत्या की घटना को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं, उन्होंने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ यह याचिका दायर की थी।

अतुल सुभाष ने अपनी आत्महत्या से पहले निकिता और उनके परिवार पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जिसके बाद निकिता सिंघानिया को गिरफ्तार किया गया था। सिंघानिया ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए अंतरिम जमानत की मांग की थी। उनकी वकील ने अदालत में तर्क दिया कि पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए कोई ठोस कारण नहीं दिया था, और यह भी कहा कि जमानत मिलने पर वह सुप्रीम कोर्ट में अपनी रक्षा कर सकेंगी।

अतुल सुभाष की मां ने सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दायर की है। सिंघानिया की वकील ने अदालत में यह भी कहा कि अगर जमानत नहीं मिलती है तो वह इन कार्यवाहीयों में उपस्थित नहीं हो पाएंगी, और इस स्थिति में हैबियस कॉर्पस याचिका को उनकी अनुपस्थिति में अस्वीकार किया जा सकता है। कर्नाटका हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी को तय की है। जबकि, निकिता सिंघानिया की अंतरिम जमानत याचिका पर 4 जनवरी को सुनवाई होगी।

इस बीच, न्यायमूर्ति हेमंत चंदांगौदर की अध्यक्षता वाली एक बेंच ने अतुल सुभाष के पिता, बिकास कुमार से यह जानकारी देने को कहा कि जहां मृतक के परिवार ने अपने पोते की कस्टडी के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

अब तक क्या हुआ

अतुल सुभाष के परिवार ने अदालत में यह तर्क दिया कि निकिता सिंघानिया को अपने बच्चे का इस्तेमाल जमानत प्राप्त करने के लिए नहीं करने दिया जाना चाहिए। परिवार का कहना था कि इस मामले में आपराधिक प्रकृति को देखते हुए, निकिता को बच्चे की कस्टडी का लाभ नहीं मिलना चाहिए। अतुल सुभाष के परिवार ने बच्चे की पूर्ण कस्टडी की मांग की है। अतुल सुभाष के वकील ने कहा, “यह प्रक्रिया आपराधिक प्रकृति की है और वह बच्चे का उपयोग जमानत पाने के लिए नहीं कर सकतीं। हमने बच्चे की पूरी कस्टडी की मांग की है।”

Digikhabar Editorial Team
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