नई दिल्ली: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित ओरकज़ई ज़िले में एक खुफिया सूचना पर आधारित सैन्य अभियान के दौरान 19 आतंकवादियों को मार गिराया गया है। यह जानकारी पाकिस्तान सेना की मीडिया विंग ने दी। इस अभियान में 11 पाकिस्तानी सैनिकों के भी शहीद होने की पुष्टि हुई है।
यह ऑपरेशन 7-8 अक्टूबर की रात को चलाया गया था। ओरकज़ई ज़िला अफगानिस्तान की सीमा से सटा हुआ है और लंबे समय से आतंकवादियों की गतिविधियों का केंद्र रहा है।
“फितना अल-खवारिज” के खिलाफ अभियान
सेना ने बयान में बताया कि यह कार्रवाई प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के आतंकियों की मौजूदगी की पुख्ता जानकारी मिलने के बाद की गई। बयान में TTP को “फितना अल-खवारिज” के रूप में संबोधित किया गया है, जो कि इस आतंकी संगठन के लिए प्रयुक्त एक विशेष इस्लामी शब्द है, जिसका उपयोग उनके विचारधारा और कार्यों की निंदा में किया जाता है।
सीमावर्ती इलाका बना चुनौती
ओरकज़ई और खैबर पख्तूनख्वा के अन्य ज़िले अफगान सीमा से लगे होने के कारण लंबे समय से आतंकियों की घुसपैठ और ठिकानों के लिए संवेदनशील माने जाते हैं। पाकिस्तान सेना द्वारा चलाया गया यह ऑपरेशन इस बात का संकेत है कि आतंकवादियों के खिलाफ अभियान अभी भी पूरी ताकत के साथ जारी है।
बढ़ती आतंकवादी गतिविधियां
हाल के वर्षों में पाकिस्तान के इन इलाकों में TTP की गतिविधियों में बढ़ोतरी देखी गई है। खासकर अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद, पाकिस्तानी तालिबान ने भी अपने हमले तेज किए हैं। इससे पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा को गंभीर चुनौती मिल रही है।
सेना ने अपने बयान में यह भी कहा है कि आतंकवादियों की धरपकड़ और सफाया करने के लिए और भी अभियान चलाए जाएंगे ताकि क्षेत्र में शांति और स्थिरता बहाल की जा सके।
निष्कर्ष
यह अभियान पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, लेकिन इसमें हुए सैनिकों के बलिदान ने इस संघर्ष की गंभीरता को भी उजागर किया है। सरकार और सेना अब इस क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ और भी कठोर कदम उठाने के संकेत दे रही है।