महाकुंभ में Mamta Kulkarni को किन्नर अखाड़े से किया गया निष्कासित, Mahamandleshwar Laxminarayan Tripath भी हटाए गए

महाकुंभ में Mamta Kulkarni को किन्नर अखाड़े से किया गया निष्कासित, Mahamandleshwar Laxminarayan Tripath भी हटाए गए
महाकुंभ में Mamta Kulkarni को किन्नर अखाड़े से किया गया निष्कासित, Mahamandleshwar Laxminarayan Tripath भी हटाए गए

प्रयागराज: महाकुंभ मेले के दौरान बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया। उनके साथ महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को भी अखाड़े से बाहर कर दिया गया, क्योंकि उन्होंने ममता कुलकर्णी को अखाड़े में शामिल किया था।

बिना अनुमति महामंडलेश्वर बनीं कुलकर्णी?

किन्नर अखाड़े के संस्थापक होने का दावा करने वाले ऋषि अजय दास ने कहा कि ममता कुलकर्णी को बिना उनकी जानकारी के महामंडलेश्वर बनाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने अखाड़े के नियमों का उल्लंघन किया है। अब वे अखाड़े की पुनर्रचना की योजना बना रहे हैं।

किन्नर अखाड़े में शामिल होकर बदला नाम

ममता कुलकर्णी ने इस महीने की शुरुआत में महाकुंभ मेले के दौरान ‘संन्यास’ लिया और अपना ‘पिंड दान’ किया। इसके बाद उन्हें किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर घोषित कर दिया गया। संन्यास ग्रहण करने के बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर “श्री यमाई ममता नंदगिरि” रख लिया।

रामदेव और जगतगुरु हिमांगी सखी मां ने जताई नाराजगी

बॉलीवुड अभिनेत्री के अचानक महामंडलेश्वर बनने को लेकर कई धार्मिक गुरुओं और संत समाज में असंतोष देखने को मिला।
योग गुरु बाबा रामदेव ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि,
“जो लोग कल तक भोग-विलास में लिप्त थे, वे एक दिन में संत या महामंडलेश्वर नहीं बन सकते।”

वहीं, ट्रांसजेंडर कथावाचक जगतगुरु हिमांगी सखी मां ने इसे “सिर्फ प्रचार पाने की चाल” करार दिया। उन्होंने कुलकर्णी की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा कि “ड्रग मामले में आरोपी रही अभिनेत्री को इतनी बड़ी उपाधि कैसे दी गई?”

ड्रग केस में फंसी थीं ममता कुलकर्णी

90 के दशक में कई हिट फिल्मों का हिस्सा रहीं ममता कुलकर्णी पर 2016 में ठाणे पुलिस ने 2,000 करोड़ रुपये के ड्रग तस्करी मामले में आरोप लगाया था। आरोप था कि कुलकर्णी और उनके साथी विकी गोस्वामी ने केन्या में एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग रैकेट की बैठक में हिस्सा लिया था।

हालांकि, अगस्त 2023 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस केस को “बिल्कुल निराधार और परेशान करने वाला” बताते हुए रद्द कर दिया। अदालत ने माना कि उन पर लगे आरोपों के लिए पर्याप्त सबूत नहीं थे।

किन्नर अखाड़े की नई राह?

किन्नर अखाड़ा जूना अखाड़े के अधीन कार्य करता है और हिंदू धर्म से जुड़े विषयों पर चर्चा को बढ़ावा देता है। साथ ही, LGBTQ+ समुदाय से जुड़े मुद्दों पर भी विचार रखता है। अब ममता कुलकर्णी के निष्कासन के बाद अखाड़े में नए नेतृत्व को लेकर बदलाव देखने को मिल सकता है।

अब देखना होगा कि महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी के निष्कासन के बाद अखाड़े की दिशा क्या होती है, और क्या ममता कुलकर्णी इस फैसले के खिलाफ कोई प्रतिक्रिया देती हैं या नहीं।

Digikhabar Editorial Team
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