तिरुवनंतपुरम/नई दिल्ली: भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून ने इस वर्ष केरल में समय से आठ दिन पहले, आज (23 मई) दस्तक दे दी है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि यह 2009 के बाद अब तक का सबसे जल्दी मानसून आगमन है। सामान्यतः केरल में मानसून की शुरुआत 1 जून को होती है, लेकिन इस बार यह 23 मई को ही पहुंच गया।
2009 के बाद सबसे जल्दी
इससे पहले वर्ष 2009 में मानसून 23 मई को ही आया था। इतिहास में सबसे पहले मानसून 11 मई 1918 को पहुंचा था, जबकि 1972 में सबसे देर से, यानी 18 जून को इसकी शुरुआत हुई थी। पिछले 25 वर्षों में 2016 में 9 जून को मानसून ने सबसे देर से दस्तक दी थी। केरल के कई हिस्सों में मानसून की दस्तक के साथ भारी बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार, कम दबाव वाले क्षेत्र और मानसूनी सिस्टम के कारण यह तेज बारिश हो रही है। IMD ने 24 मई को कन्नूर और कासरगोड जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जहां 24 घंटे में 204.4 मिमी से अधिक वर्षा की संभावना है। 25 मई को मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड में रेड अलर्ट जारी रहेगा। 23 मई को त्रिशूर, मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जो भारी वर्षा और गरज-चमक के संकेत हैं।
अन्य राज्यों में भी बारिश की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले पांच दिनों में तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भी छिटपुट बारिश और गरज-चमक की संभावना है। मानसून पूर्व की ओर बढ़ते हुए दक्षिण कोंकण तट के रत्नागिरी और डापोली के बीच पहुंचेगा और डिप्रेशन में बदल सकता है, जिससे क्षेत्र में बारिश की तीव्रता और बढ़ेगी।
कैसे होती है मानसून की घोषणा?
IMD द्वारा मानसून की घोषणा करने के लिए कई मानदंड अपनाए जाते हैं। इसमें 14 प्रमुख स्टेशनों पर वर्षा माप, पवन की दिशा और बादलों की स्थिति शामिल हैं। जब लगातार दो दिनों तक 60% से अधिक स्टेशन 2.5 मिमी या उससे अधिक वर्षा दर्ज करते हैं और पवन प्रणाली और बादलों की स्थिति अनुकूल होती है, तो दूसरे दिन को मानसून की आधिकारिक शुरुआत माना जाता है।
क्या कहती है मौसम विज्ञान की भाषा?
IMD के मुताबिक, इस वर्ष मानसून की प्रारंभिक स्थिति सभी मानदंडों पर खरी उतरती है और यह भारत के मानसून तंत्र की गतिशील प्रकृति को दर्शाती है। दिल्ली में 25 मई तक हल्की बारिश और गरज-चमक की संभावना और उत्तर भारत में लू, दक्षिण में भारी बारिश का अलर्ट वहीं मानसून की तेजी से बढ़ती चाल, कई राज्यों में प्रभाव दिखने लगा भारत में मानसून का जल्दी आना जहां कृषि क्षेत्र के लिए शुभ संकेत है, वहीं भारी बारिश से जुड़ी तैयारियों को लेकर प्रशासन और नागरिकों को सतर्क रहना भी जरूरी है। मौसम विभाग लगातार नजर बनाए हुए है और आगामी दिनों में अन्य राज्यों में भी मानसून के प्रभाव की संभावना जताई गई है।