Nepal New PM: Sushila Karki का शुरू हुआ विरोध, अंतरिम सरकार के संभावित प्रमुख बने Kulman Ghising, भारत से है संबंध

Nepal New PM: Sushila Karki का शुरू हुआ विरोध, अंतरिम सरकार के संभावित प्रमुख बने Kulman Ghising, भारत से है संबंध
Nepal New PM: Sushila Karki का शुरू हुआ विरोध, अंतरिम सरकार के संभावित प्रमुख बने Kulman Ghising, भारत से है संबंध

नई दिल्ली: नेपाल में बनने वाली अंतरिम सरकार के नेतृत्व को लेकर अब कुलमान घिसिंग का नाम सबसे आगे आ गया है। पहले सुप्रीम कोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के नाम की चर्चा थी, लेकिन जेन जेड आंदोलनकारियों के बीच उनकी उम्र और पूर्व न्यायाधीश होने के कारण नेतृत्व करने पर असहमति के चलते उनका नाम पीछे हट गया। इसके बाद नेपाल इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के पूर्व प्रमुख कुलमान घिसिंग को नेपाल को बिजली संकट से बाहर निकालने वाले प्रभावशाली इंजीनियर के रूप में देखा जा रहा है।

कुलमान घिसिंग का जन्म 25 नवंबर 1970 को नेपाल के रामेछाप जिले में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा नेपाल में पूरी की। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए वह भारत आए और झारखंड के रिजनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद नेपाल के पुलचौक इंजीनियरिंग कॉलेज से उन्होंने पॉवर सिस्टम इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की।

घिसिंग ने अपना अधिकांश करियर नेपाल इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (NEA) में बिताया, जहां वह दो बार प्रबंध निदेशक के पद पर रहे। इसके अलावा उन्होंने राहुघाट हाइड्रोइलेक्ट्रिसिटी प्रोजेक्ट और चिलिमे हाइड्रोपावर कंपनी का भी नेतृत्व किया। उनकी विशेषज्ञता और दूरदर्शिता ने नेपाल के बिजली संकट को काफी हद तक समाप्त किया। उनके प्रयासों से नेपाल की बिजली उत्पादन क्षमता 856 मेगावाट से बढ़कर 3500 मेगावाट तक पहुंची और मई 2018 तक बिजली कटौती की समस्या लगभग समाप्त हो गई।

कुलमान घिसिंग ने बिजली की खपत को नियंत्रित करने के लिए जन जागरूकता अभियान भी चलाया और उद्योगों को 24 घंटे बिजली सप्लाई सुनिश्चित की। नेपाल इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के पुनरुद्धार में उनकी भूमिका को व्यापक रूप से सराहा गया। जब उन्होंने बोर्ड का प्रभार संभाला, तब यह लगभग 900 करोड़ नेपाली रुपए के घाटे में था, लेकिन तीन साल के भीतर इसे लाभ में लाने का श्रेय भी उन्हें जाता है।

इस साल मार्च में केपी शर्मा ओली की सरकार द्वारा घिसिंग को उनके पद से हटाए जाने पर राजधानी काठमांडू में जनता और विभिन्न छात्र संगठनों ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने उनकी बहाली की मांग की और सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। अब वही घिसिंग ओली की जगह लेकर नेपाल की अगली अंतरिम सरकार के प्रमुख बनने की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं।

घिसिंग ने हाल ही में पुलिस गोलीबारी में 19 युवाओं की मौत पर सरकार से इस्तीफा मांगते हुए एक अंतरिम सरकार बनाने और भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की भी अपील की थी। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं और देश के विकास में सहयोग करें।

कुलमान घिसिंग का नाम अब नेपाल के राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए उभर रहा है, और यदि वे अंतरिम सरकार का नेतृत्व करते हैं, तो यह नेपाल के लिए एक नई शुरुआत का संकेत होगा।

Digikhabar Team
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