भारत और चीन के संबंधों में नई शुरुआत, कैलाश मानसरोवर यात्रा और सीधी उड़ानें फिर होंगी शुरू

भारत और चीन के संबंधों में नई शुरुआत, कैलाश मानसरोवर यात्रा और सीधी उड़ानें फिर होंगी शुरू
भारत और चीन के संबंधों में नई शुरुआत, कैलाश मानसरोवर यात्रा और सीधी उड़ानें फिर होंगी शुरू

नई दिल्ली। भारत और चीन ने द्विपक्षीय संबंधों को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने और दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानों को बहाल करने का निर्णय लिया है। यह घोषणा तब हुई जब विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बीजिंग में चीनी उप विदेश मंत्री सुन वेइडॉन्ग के साथ व्यापक बातचीत की।

कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 से होगी शुरू

विदेश मंत्रालय (MEA) के अनुसार, कैलाश मानसरोवर यात्रा को 2025 की गर्मियों में फिर से शुरू किया जाएगा। इस यात्रा के लिए प्रक्रिया और नियमों पर चर्चा करने के लिए संबंधित तंत्र की बैठक आयोजित की जाएगी। यह यात्रा, जिसे 2020 में महामारी के कारण निलंबित कर दिया गया था, दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक आदान-प्रदान के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी है।

सीधी उड़ानों की बहाली और जल संबंधी डेटा साझा करने पर सहमति

दोनों पक्षों ने भारत और चीन के बीच सीधी हवाई सेवाओं को बहाल करने पर भी सहमति व्यक्त की। इसके लिए तकनीकी अधिकारियों की बैठक जल्द ही आयोजित की जाएगी, जिसमें उड़ानों को फिर से शुरू करने के लिए एक अद्यतन ढांचा तैयार किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, दोनों देशों ने सीमावर्ती नदियों से संबंधित जल संबंधी डेटा साझा करने और अन्य सहयोग के लिए विशेषज्ञ स्तर की बैठक जल्दी करने का निर्णय लिया।

व्यापक चर्चा और लोगों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने पर जोर

विदेश सचिव विक्रम मिस्री और चीनी उप विदेश मंत्री सुन वेइडॉन्ग ने भारत-चीन संबंधों की स्थिति की व्यापक समीक्षा की और जन-केंद्रित कदम उठाने पर सहमति व्यक्त की। दोनों पक्षों ने मीडिया, थिंक-टैंक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए उपायों पर चर्चा की।

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि 2025, जब भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी, आपसी विश्वास और सहयोग को पुनर्जीवित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

सीमावर्ती शांति के बिना सामान्य संबंध असंभव

भारत ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि जब तक सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता नहीं होती, तब तक द्विपक्षीय संबंध सामान्य नहीं हो सकते।
हाल ही में, दोनों देशों की सेनाओं ने लद्दाख के डेमचोक और डेपसांग क्षेत्रों में चार साल के लंबे अंतराल के बाद गश्त फिर से शुरू की।

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बैठक का असर

यह बातचीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अक्टूबर 2024 में कज़ान में हुई बैठक के बाद हुई है। उस बैठक में दोनों नेताओं ने सहमति व्यक्त की थी कि मतभेदों को सही तरीके से संभाला जाना चाहिए और उन्हें सीमा क्षेत्रों की शांति को बाधित नहीं करने देना चाहिए।

नई शुरुआत का संकेत

दोनों देशों ने आपसी मतभेदों को दूर करते हुए संबंधों को पुनर्जीवित करने और सामान्य स्थिति में लाने के लिए यह कदम उठाया है। कैलाश मानसरोवर यात्रा, सीधी उड़ानों की बहाली और जल संबंधी सहयोग जैसे फैसले इस दिशा में एक सकारात्मक संकेत हैं।

यह पहल न केवल दोनों देशों के बीच विश्वास बहाल करेगी बल्कि द्विपक्षीय संबंधों को एक नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।

Digikhabar Editorial Team
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