NISAR सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में लॉन्च, क्या है ये NISAR, क्या करेगा अंतरिक्ष में काम, क्यों कहा गया तीसरा नेत्र?

NISAR सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में लॉन्च, क्या है ये NISAR, क्या करेगा अंतरिक्ष में काम, क्यों कहा गया तीसरा नेत्र?
NISAR सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में लॉन्च, क्या है ये NISAR, क्या करेगा अंतरिक्ष में काम, क्यों कहा गया तीसरा नेत्र?

नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के संयुक्त सहयोग से विकसित सबसे महंगा नागरिक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह NISAR (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar Satellite) का श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया है। यह उपग्रह $1.3 बिलियन की लागत से बना है और भारत के गीसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल GSLV-F16 द्वारा बुधवार शाम 5:40 बजे अंतरिक्ष में छोड़ा गया।

यह ISRO और NASA के बीच पहला ऐसा संयुक्त मिशन है, जो दोनों देशों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। ISRO के चेयरमैन डॉ. वी नारायणन ने कहा कि यह प्रक्षेपण भारत को उपग्रह प्रौद्योगिकी में नेतृत्वकारी भूमिका में आगे बढ़ाने वाला एक बड़ा कदम है।

डॉ. नारायणन ने कहा कि भारत ने अपने पहले उपग्रह आर्यभट्ट को 1975 में रूस की मदद से लॉन्च किया था, और आज भारत इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि NISAR को भारतीय अंतरिक्ष यान से लॉन्च कर पाना गर्व की बात है।

NISAR का वजन 2,392 किलोग्राम है और इसे पहली बार GSLV ने सन सिंक्रोनस पोलर ऑर्बिट में स्थापित किया है, जबकि आमतौर पर PSLV का उपयोग ऐसे कक्ष में उपग्रह स्थापित करने के लिए किया जाता है।

इस उपग्रह का मिशन जीवन लगभग पांच वर्ष होगा। यह हर 97 मिनट में पृथ्वी की परिक्रमा करेगा और हर 12 दिन में पृथ्वी की भूमि सतह तथा महासागरों के कुछ हिस्सों की छवियां भेजेगा।

NISAR में NASA का L-बैंड और ISRO का S-बैंड रडार लगे हैं, जो पृथ्वी की निगरानी के लिए अत्याधुनिक तकनीक प्रदान करते हैं। यह उपग्रह प्राकृतिक आपदाओं की पूर्व सूचना देने और जीवन रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है।

इस सफल प्रक्षेपण के साथ भारत ने अंतरिक्ष तकनीक के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है, जो वैश्विक स्तर पर इसकी ताकत को बढ़ाएगा।