नीतीश कुमार को होंगे अगले उपराष्ट्रपति, धनखड़ के इस्तीफे के बाद सियासी सरगर्मी तेज

नीतीश कुमार को होंगे अगले उपराष्ट्रपति, धनखड़ के इस्तीफे के बाद सियासी सरगर्मी तेज
नीतीश कुमार को होंगे अगले उपराष्ट्रपति, धनखड़ के इस्तीफे के बाद सियासी सरगर्मी तेज

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक दिए गए इस्तीफे के बाद राजनीतिक हलकों में सरगर्मी तेज हो गई है। इस्तीफे की वजह स्वास्थ्य कारण बताई गई है, लेकिन इसके पीछे के राजनीतिक संकेतों को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। इसी बीच अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा, इसको लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है, और सबसे चर्चित नाम बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सामने आ रहा है।

भाजपा विधायक का बयान: “नीतीश उपराष्ट्रपति बने तो बिहार को खुशी होगी”

भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर ने इस मुद्दे पर बयान देते हुए कहा, “धनखड़ जी ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया है, इसमें कोई संदेह नहीं है। अगर नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालते हैं तो बिहार के लोग निश्चित तौर पर खुश होंगे।”

इस बयान के बाद राजनीतिक विश्लेषक इसे भाजपा की एक रणनीति के रूप में देख रहे हैं, जिसके तहत बिहार की सियासत में एक बड़ा फेरबदल हो सकता है।

कांग्रेस नेता हरीश रावत का इशारा: ‘बिहार चुनाव की तैयारी’

कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस्तीफे की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए कहा, “धनखड़ जी का त्यागपत्र और उसकी आकस्मिकता कई कहानियां कहती है। इसके पीछे की गहराई का जवाब सिर्फ प्रधानमंत्री या खुद धनखड़ जी दे सकते हैं।”

रावत ने आगे कहा, “अभी जो नाम सामने आ रहे हैं, उनमें अधिकतर बिहार से जुड़े हैं और वे किसी न किसी रूप में आगामी विधानसभा चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं।”

आरजेडी का आरोप: ‘नीतीश को हटाने की साजिश’

उधर, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने भाजपा पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि उपराष्ट्रपति का इस्तीफा भाजपा की एक साजिश का हिस्सा है। आरजेडी नेताओं ने दावा किया कि इसका मकसद बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को रास्ते से हटाना है।

आरजेडी नेताओं के मुताबिक, अगर नीतीश को दिल्ली बुला लिया जाता है, तो भाजपा बिहार में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश करेगी। धनखड़ के इस्तीफे ने जहां एक तरफ संवैधानिक पद पर रिक्तता पैदा की है, वहीं दूसरी ओर बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि केंद्र सरकार अगला उपराष्ट्रपति किसे बनाती है और क्या यह फैसला बिहार की राजनीतिक दिशा को बदलने वाला साबित होगा।