नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के मुरिद एयर बेस पर भारतीय वायुसेना के हमले ने एक संदिग्ध भूमिगत सुविधास्थान को निशाना बनाया हो सकता है। बुधवार को जारी उच्च-रिज़ॉल्यूशन सैटेलाइट इमेजेज़ ने मुरिद एयर बेस पर भारी तबाही का खुलासा किया है, जिसमें पाकिस्तान एयर फोर्स के एक भूमिगत संरचना के सिर्फ 30 मीटर दूर लगभग 3 मीटर चौड़ा क्रेटर (गड्ढा) दिखा है। साथ ही, ड्रोन हेंगर के पास मौजूद एक इमारत की छत भी क्षतिग्रस्त नजर आ रही है।
अमेरिकी कंपनी मैक्सार टेक्नोलॉजीज द्वारा ली गई उपग्रह तस्वीरों में यह स्पष्ट है कि मुरिद एयर बेस के एक अत्यंत सुरक्षित सब-कॉम्प्लेक्स के पास यह क्रेटर बना है, जो डबल बाड़, वॉचटावर और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था से घिरा हुआ है।
इंटेल लैब के जियो-इंटेलिजेंस शोधकर्ता डेमियन साइमन के अनुसार, क्रेटर की इस भूमिगत संरचना के निकटता ने इस बात के कयास लगाए हैं कि भारत ने गहराई में दबे ऐसे सैन्य संसाधनों को निशाना बनाया, जो संभवतः कमांड-एंड-कंट्रोल या ड्रोन ऑपरेशन्स से जुड़े हो सकते हैं।
साथ ही, एयर स्ट्राइक ने इस उच्च मूल्य क्षेत्र की सुरक्षा घेरे को भी तोड़ा है, जो यह संकेत देता है कि हमले में प्रिसीजन-गाइडेड म्यूनिशन और गहराई तक प्रवेश करने वाले हथियारों का इस्तेमाल हुआ है। यदि यह पुष्टि हो जाती है तो यह पहला मौका होगा जब भारत ने पाकिस्तान में भूमिगत सैन्य ढांचे को निशाना बनाया हो।
इसके अलावा, एयर बेस की छत पर एक कमांड-एंड-कंट्रोल बिल्डिंग के पास भी हमले के स्पष्ट निशान देखे गए हैं, जो सीधे हमले की ओर इशारा करते हैं।
इसी बीच, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान प्रभावित नूर खान एयर बेस की मैक्सार की तस्वीरों ने पहले अनुमान से भी ज्यादा व्यापक नुकसान का खुलासा किया है।
10 मई को ली गई प्रारंभिक तस्वीरों में विशेष उपयोग वाले ट्रकों के नष्ट होने की जानकारी मिली थी, लेकिन नवीनतम सैटेलाइट इमेज में दिख रहा है कि एक इमारत परिसर पूरी तरह ध्वस्त हो गया है, जिससे बेस के कुछ हिस्से पूरी तरह अनुपयोगी और मरम्मत से बाहर हो सकते हैं।
यह तस्वीरें भारत के हमले की गंभीरता और सटीकता को दर्शाती हैं, जो पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने में एक नई रणनीति की ओर इशारा करती हैं।