भारत को रूस से S-400 ‘त्रायम्फ’ मिसाइल प्रणाली की शेष रेजीमेंट्स 2026 तक मिल जाएंगी। यह जानकारी रूसी उप राजदूत रोमन बाबुश्किन ने समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में दी। उन्होंने कहा कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर पड़े प्रभाव के बावजूद, भारत को निर्धारित समयसीमा के भीतर सभी सिस्टम सौंप दिए जाएंगे।
पहले तीन रेजीमेंट्स पाकिस्तान और चीन सीमा पर तैनात
भारत ने S-400 प्रणाली की पहली रेजीमेंट दिसंबर 2021 में, दूसरी अप्रैल 2022 में और तीसरी अक्टूबर 2023 में प्राप्त की थी। इन तीनों को देश की पश्चिमी (पाकिस्तान) और उत्तरी (चीन) सीमाओं पर रणनीतिक रूप से तैनात किया गया है।
इन रेजीमेंट्स ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान अपनी प्रभावशीलता को सिद्ध किया, जब भारतीय वायु रक्षा ने दुश्मन के ड्रोन और मिसाइलों को सफलतापूर्वक मार गिराया।
क्या है S-400 प्रणाली?
भारत में ‘सुदर्शन चक्र’ नाम से पहचानी जाने वाली यह प्रणाली एक अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम है, जो एक साथ कई हवाई लक्ष्यों को ट्रैक और नष्ट करने की क्षमता रखती है। इसकी मुख्य विशेषताएं हैं:
- 380 किलोमीटर तक की पहचान और ट्रैकिंग रेंज
- एक साथ फाइटर जेट्स, ड्रोन, बैलिस्टिक मिसाइल और रणनीतिक बॉम्बर्स को निशाना बनाने की क्षमता
- शक्तिशाली रडार, मिसाइल लांचर और कमांड सेंटर से लैस
2018 में हुआ था $5.43 अरब का करार
भारत और रूस के बीच पांच रेजीमेंट्स की आपूर्ति के लिए 2018 में $5.43 अरब डॉलर का समझौता हुआ था। रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते इसकी आपूर्ति में कुछ देरी हुई थी, लेकिन अब रूस ने पुष्टि की है कि शेष दो रेजीमेंट्स 2026 तक भारत को सौंप दी जाएंगी।
भारत-रूस रक्षा सहयोग और विस्तार की संभावना
बाबुश्किन ने यह भी बताया कि S-400 की आपूर्ति के अलावा, दोनों देशों के बीच एयर डिफेंस सहयोग के विस्तार को लेकर बातचीत जारी है। उन्होंने इसे भारत और रूस के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक बताया।
विशेषज्ञों के अनुसार, S-400 जैसे हाई-टेक हथियार सिस्टम से भारत की वायु रक्षा प्रणाली को एक महत्वपूर्ण मजबूती मिलती है, जो भविष्य के किसी भी खतरे का मुकाबला करने में सहायक होगी। S-400 की शेष रेजीमेंट्स की निर्धारित समय पर आपूर्ति भारत की रक्षा तैयारी में एक बड़ा कदम है। यह ना सिर्फ सीमा पर सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और तकनीकी आत्मनिर्भरता को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।