नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश दिया। यह संबोधन चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के उद्घाटन वक्तव्य के बाद हुआ। पीएम मोदी ने आतंकवाद को मानवता के सामने “सबसे बड़ा खतरा” करार दिया और सभी सदस्य देशों से जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने की अपील की।
“आतंकवाद और उग्रवाद मानवता के लिए एक साझा चुनौती हैं। जब तक ये खतरे मौजूद हैं, कोई भी देश या समाज खुद को सुरक्षित नहीं मान सकता,” – पीएम मोदी
पाक पीएम मौजूद, नाम लिए बिना निशाना
गौरतलब है कि सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ भी मौजूद थे। हालांकि पीएम मोदी ने किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने दोहरे मापदंड अपनाने वाले देशों पर तीखा प्रहार किया।
“क्या कुछ देशों द्वारा खुलेआम आतंकवाद को समर्थन देना या उन्हें पनाह देना हमारे लिए स्वीकार्य हो सकता है?” – पीएम मोदी
उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ समझौता नहीं हो सकता और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाना मानवता के प्रति हमारा कर्तव्य है।
पहलगाम आतंकी हमले का संदर्भ
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का भी उल्लेख किया, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी।
“पहलगाम में हमने आतंकवाद का एक बेहद भयावह चेहरा देखा। क्या कुछ देशों द्वारा प्रायोजित आतंकवाद पर वैश्विक चुप्पी स्वीकार्य है?” – पीएम मोदी
भारत के विकास यात्रा में शामिल होने का आमंत्रण
अपने भाषण में पीएम मोदी ने वैश्विक नेताओं को भारत की विकास यात्रा का हिस्सा बनने का आमंत्रण देते हुए कहा:
“आज भारत ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है। हमने हर चुनौती को अवसर में बदलने की कोशिश की है। मैं आप सभी को भारत की विकास यात्रा में भागीदार बनने के लिए आमंत्रित करता हूं।”
शी जिनपिंग का संबोधन: बहुपक्षीयता और वैश्विक न्याय पर जोर
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने उद्घाटन भाषण में SCO की भूमिका को क्षेत्रीय स्थिरता और संतुलित विकास के लिए अहम बताया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की भूमिका को बचाने, एकतरफा नीतियों का विरोध करने और बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
शी ने यह भी घोषणा की कि चीन SCO सदस्य देशों में 100 छोटे विकास परियोजनाएं शुरू करेगा, जिनका उद्देश्य जरूरतमंद क्षेत्रों में आजीविका सुधार और असमानता को कम करना है।
यह सम्मेलन जहां आर्थिक सहयोग और क्षेत्रीय स्थिरता पर केंद्रित था, वहीं पीएम मोदी का आतंकवाद पर सख्त रुख एक बार फिर भारत की ‘जीरो टॉलरेंस पॉलिसी’ को वैश्विक मंच पर उजागर करता है।