नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12-13 फरवरी को अपने पहले अमेरिकी दौरे पर जाने वाले हैं, जहां वे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। यह बैठक ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के महज तीन हफ्तों के भीतर हो रही है, जिससे दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी की अहमियत झलकती है।
विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने इस यात्रा की घोषणा करते हुए कहा, “पीएम मोदी दुनिया के उन पहले नेताओं में शामिल होंगे, जिन्हें ट्रंप प्रशासन के कार्यभार संभालने के तुरंत बाद अमेरिका आमंत्रित कर रहा है। यह भारत-अमेरिका संबंधों की मजबूती को दर्शाता है।”
व्यापार और इमिग्रेशन पर होगी चर्चा
पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच व्यापार और इमिग्रेशन अहम मुद्दे होंगे। ट्रंप ने पहले भारत को “टैरिफ किंग” और “बड़ा दुर्व्यवहारी” बताया था, जिससे दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों में तनाव देखा गया। हालांकि, हाल ही में भारत सरकार ने अपने केंद्रीय बजट में कुछ अमेरिकी उत्पादों—जैसे 1,600 सीसी से कम क्षमता वाले मोटरसाइकिलों पर शुल्क में कटौती की, जिससे हार्ले-डेविडसन जैसी अमेरिकी कंपनियों को लाभ मिलेगा।
इमिग्रेशन भी एक प्रमुख मुद्दा होगा, खासतौर पर हाल ही में अमेरिका द्वारा 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को निर्वासित किए जाने के बाद। उन्हें सैन्य विमान से भारत भेजा गया, जिसमें हाथकड़ी और बेड़ियों के इस्तेमाल को लेकर भारत में भारी विरोध हुआ। विपक्ष ने इसे “अमानवीय व्यवहार” करार दिया। इस मामले पर पीएम मोदी ट्रंप से खुलकर चर्चा कर सकते हैं।
मोदी-ट्रंप की दोस्ती पर सबकी नजरें
ट्रंप के पहले कार्यकाल में दोनों नेताओं की मित्रता कई बार देखने को मिली। ‘हाउडी मोदी’ (ह्यूस्टन) और ‘नमस्ते ट्रंप’ (अहमदाबाद) जैसे भव्य कार्यक्रमों ने उनके संबंधों को नया आयाम दिया। पिछले हफ्ते दोनों नेताओं की फोन पर “उत्पादक बातचीत” हुई, जिसमें सुरक्षा, व्यापार और इमिग्रेशन से जुड़े विषयों पर चर्चा हुई। मोदी ने ट्रंप को “प्रिय मित्र” बताया और साथ मिलकर “वैश्विक शांति और दोनों देशों के लोगों के कल्याण के लिए काम करने” की बात कही।
ट्रंप ने भी मोदी की प्रशंसा करते हुए उन्हें “महान नेता” कहा, लेकिन साथ ही भारत पर व्यापार में अनुचित लाभ उठाने का आरोप लगाया था। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी यह मुलाकात दोनों देशों के रिश्तों को किस दिशा में आगे बढ़ाती है।
भारत-अमेरिका संबंधों की परीक्षा
पीएम मोदी की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब अमेरिका और भारत के संबंध कई चुनौतियों से गुजर रहे हैं। व्यापारिक विवाद, इमिग्रेशन, और वैश्विक सुरक्षा जैसे विषयों पर दोनों नेताओं की वार्ता से यह तय होगा कि भविष्य में भारत-अमेरिका साझेदारी कैसी होगी।