नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ पर अपना संबोधन दिया और इस भव्य आयोजन की सफलता के लिए देशवासियों का आभार प्रकट किया। पीएम मोदी ने कहा कि पूरे विश्व ने भारत की भव्यता और सांस्कृतिक विरासत को महाकुंभ के माध्यम से देखा।
प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं प्रयागराज के महाकुंभ पर बोलने के लिए यहां खड़ा हूं। मैं उन करोड़ों देशवासियों को बधाई देता हूं, जिनकी वजह से यह भव्य आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हो सका। उत्तर प्रदेश और प्रयागराज के लोगों ने इस आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मैं सभी को धन्यवाद देता हूं।”
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का भी किया उल्लेख
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में पिछले वर्ष राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “पिछले साल जब अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी, तब हमने देखा कि कैसे पूरा देश अगले 1000 वर्षों के लिए खुद को तैयार कर रहा है। इस सोच को महाकुंभ ने और अधिक सुदृढ़ किया है।”
राष्ट्रीय जागरूकता का प्रतीक बना महाकुंभ
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय जागरूकता का प्रतीक भी है। उन्होंने कहा, “लाल किले से मैंने ‘सबका साथ, सबका विकास’ का आह्वान किया था। महाकुंभ ने दुनिया को भारत की भव्यता और एकता का परिचय कराया है। यह आयोजन देश की सामूहिक चेतना को जाग्रत करने वाला साबित हुआ।”
आलोचकों को दिया करारा जवाब
प्रधानमंत्री ने महाकुंभ की सफलता को उन लोगों के लिए करारा जवाब बताया, जो भारत की क्षमता पर संदेह करते हैं। उन्होंने कहा, “जो लोग हमारी शक्ति पर सवाल उठाते हैं, महाकुंभ ने उन्हें उचित जवाब दिया है। देश की सामूहिक जागरूकता ने सामूहिक शक्ति को और अधिक बढ़ाया है।”
महाकुंभ के दौरान देश-विदेश से आए करोड़ों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। पीएम मोदी ने इसे भारत की सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक एकता का प्रतीक बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस तरह के आयोजन भारत को नई उपलब्धियों की ओर प्रेरित करेंगे।