
ईटानगर/नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा के एकदिवसीय दौरे पर पहुंचे, जहां उन्होंने 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की अवसंरचना और ऊर्जा परियोजनाओं की आधारशिला रखी और उद्घाटन किया। यह दौरा पूर्वोत्तर भारत में विकास की नई रफ्तार को दर्शाता है, खासकर सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में।
होलोंगी एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत
प्रधानमंत्री मोदी का आगमन डोनी पोलो एयरपोर्ट, होलोंगी में हुआ, जहां से वे हेलिकॉप्टर के ज़रिए ईटानगर स्थित राजभवन पहुंचे। यहां राज्यपाल केटी परनाइक और मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
श्योम में दो बड़े जलविद्युत परियोजनाओं की आधारशिला
ईटानगर में पीएम मोदी ने इंदिरा गांधी पार्क से जनसभा को संबोधित करते हुए दो प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं हियो हाइड्रो (240 मेगावाट) और टाटो-I हाइड्रो (186 मेगावाट) का वर्चुअल शिलान्यास किया। इन दोनों परियोजनाओं पर कुल 3,700 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा और यह श्योम उप-घाटी में विकसित की जाएंगी। इनका उद्देश्य अरुणाचल की विशाल जलविद्युत क्षमता का दोहन कर राज्य को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाना है।
तवांग में अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर की नींव
प्रधानमंत्री मोदी तवांग में एक आधुनिक कन्वेंशन सेंटर की नींव भी रखेंगे, जो 9,820 फीट की ऊंचाई पर स्थित होगा। 1,500 प्रतिनिधियों की क्षमता वाला यह केंद्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों, सांस्कृतिक आयोजनों, और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक मील का पत्थर बनेगा।
1,290 करोड़ रुपये की जनकल्याण योजनाएं
प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य, कनेक्टिविटी, अग्निशमन सेवाएं और कामकाजी महिलाओं के लिए सुविधाएं बढ़ाने हेतु 1,290 करोड़ रुपये की अन्य परियोजनाएं भी लॉन्च कीं। इन योजनाओं का उद्देश्य स्थानीय नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार और आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना है।
GST 2.0 पर स्थानीय व्यापारियों से संवाद
अपने दौरे के दौरान पीएम मोदी ने स्थानीय व्यापारियों, करदाताओं और उद्योगपतियों से मुलाकात की और हाल में लागू हुए GST 2.0 के प्रभावों पर चर्चा की। उन्होंने व्यापार समुदाय को आश्वस्त किया कि सरल और तार्किक टैक्स प्रणाली देश को आर्थिक दृष्टि से मजबूत बनाएगी।
त्रिपुरा में माता त्रिपुरा सुंदरी मंदिर परिसर का कायाकल्प
अरुणाचल दौरे के बाद प्रधानमंत्री मोदी त्रिपुरा भी पहुंचे, जहां उन्होंने माता त्रिपुरा सुंदरी मंदिर परिसर के पुनर्विकास कार्यों का उद्घाटन किया। PRASAD योजना के तहत मंदिर परिसर में नए रास्ते, ठहरने की सुविधाएं और ध्यान केंद्र विकसित किए जाएंगे, जिससे धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाई मिलेगी और स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी का यह पूर्वोत्तर दौरा, खासतौर पर सीमावर्ती इलाकों में ऊर्जा, संस्कृति और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में नए युग की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है। जहां एक ओर जलविद्युत परियोजनाएं ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं, वहीं सांस्कृतिक केंद्र और मंदिर विकास योजनाएं स्थानीय पहचान और पर्यटन को सशक्त करेंगी।