Prayagraj Mahakumbh 2025: मौनी अमावस्या के दूसरे शाही स्नान पर मची भगदड़, 10 लोगों की मौत की आशंका, कई लोग घायल

Prayagraj Mahakumbh 2025: मौनी अमावस्या के दूसरे शाही स्नान पर मची भगदड़, 10 लोगों की मौत की आशंका, कई लोग घायल
Prayagraj Mahakumbh 2025: मौनी अमावस्या के दूसरे शाही स्नान पर मची भगदड़, 10 लोगों की मौत की आशंका, कई लोग घायल

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 के दौरान बुधवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। मौनी अमावस्या के दूसरे शाही स्नान के मौके पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे एक बैरिकेड टूट गया और भगदड़ मच गई। इस दर्दनाक हादसे में कम से कम 10 लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है, जबकि कई महिलाएं और बच्चे घायल हो गए हैं।

पीएम मोदी लगातार ले रहे हैं अपडेट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से एक घंटे में दो बार फोन पर बात की और हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। गृह मंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री से चर्चा कर केंद्र की ओर से पूरी सहायता का वादा किया है।

महाकुंभ भगदड़: अब तक की 10 बड़ी बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर चर्चा कर हालात की समीक्षा की और तत्काल राहत एवं बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए।

गृह मंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री से बात कर केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहायता का भरोसा दिया।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने घोषणा की कि साधु-संतों ने मौनी अमावस्या के अमृत स्नान को रद्द करने का फैसला किया है।

परंपरा के अनुसार, सन्यासी, बैरागी और उदासीन संप्रदायों के अखाड़े शाही जुलूस के साथ संगम में स्नान करते हैं, लेकिन इस हादसे के कारण इस परंपरा में बदलाव किया गया है।

आचार्य महामंडलेश्वर, जूना अखाड़ा ने कहा कि अखाड़ा कोई शोभायात्रा नहीं निकालेगा और केवल प्रतीकात्मक स्नान करेगा।

जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे केवल संगम घाट पर ही स्नान करने की जिद न करें और अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें।

प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि वह भारी भीड़ के कारण संगम स्नान करने नहीं गए। उन्होंने कहा, “इस समय गंगा और यमुना की पूरी धारा अमृतमयी है।”

पंचायती निरंजनी अखाड़ा के कैलाशानंद गिरी ने कहा कि अखाड़ा परिषद 2 फरवरी, वसंत पंचमी के अवसर पर शाही स्नान करेगा।

पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर ने इस हादसे के लिए जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया और सवाल उठाया कि कुंभ का सुरक्षा प्रबंधन यूपी पुलिस को क्यों सौंपा गया, सेना को क्यों नहीं बुलाया गया?

प्रशासन की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

इस भगदड़ के बाद प्रशासन की तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। हजारों श्रद्धालु संगम तट पर स्नान के लिए उमड़े थे, लेकिन बैरिकेडिंग टूटने के बाद हालात बेकाबू हो गए। अब इस हादसे के बाद संतों और अखाड़ों में नाराजगी देखी जा रही है।

श्रद्धालुओं से संयम बरतने की अपील

साधु-संतों और प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और संयम बनाए रखें। कुंभ क्षेत्र में मौजूद सुरक्षा बलों को सतर्क कर दिया गया है और राहत एवं बचाव कार्य जारी है।

महाकुंभ की यह भगदड़ कई सवाल खड़े कर रही है— क्या सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए थे? क्या भीड़ को नियंत्रित करने में प्रशासन विफल रहा? ये सवाल अब चर्चा के केंद्र में हैं। उम्मीद है कि सरकार और प्रशासन जल्द से जल्द हालात पर काबू पाएंगे और भविष्य में इस तरह की त्रासदियों से बचने के लिए ठोस कदम उठाएंगे।

Digikhabar Team
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