
चंडीगढ़: पंजाब के डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के बाद पंजाब सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है। कुछ दिन पहले सीबीआई ने डीआईजी को 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। इसके बाद उनके आवास और अन्य ठिकानों पर हुई छापेमारी में करोड़ों की अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ।
सीबीआई ने डीआईजी हरचरण भुल्लर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनकी कोठी और करीबी ठिकानों पर एक साथ छापे मारे। इन छापों में 7.5 करोड़ रुपये की नकदी, ढाई किलो सोना, महंगे प्रॉपर्टी डील्स से जुड़े दस्तावेज और जमीनों की रजिस्ट्री बरामद हुईं। नोटों के बंडल इतने ज्यादा थे कि उन्हें गिनने में अधिकारियों को घंटों लग गए।
पंजाब सरकार की बड़ी कार्रवाई
भ्रष्टाचार के इस हाई-प्रोफाइल मामले के सामने आने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हरचरण सिंह भुल्लर को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि “हमारी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत किसी भी भ्रष्ट अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितने भी ऊंचे पद पर क्यों न हो।” मुख्यमंत्री के अनुसार, यह निलंबन 16 अक्टूबर 2025 से प्रभावी माना जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार जनसेवा में पारदर्शिता और ईमानदारी को प्राथमिकता देती है, और इस प्रकार के मामलों में सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सीएम का सख्त संदेश
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने बयान में कहा,
“पिछले चार वर्षों में हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ स्पष्ट और सख्त रुख अपनाया है। यह कार्रवाई उसी प्रतिबद्धता का हिस्सा है। भ्रष्टाचार सिर्फ आर्थिक अपराध नहीं, बल्कि जनता के विश्वास के साथ धोखा है।”
उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य एक ऐसी प्रशासनिक व्यवस्था बनाना है जहां जवाबदेही, पारदर्शिता और जनहित सर्वोपरि हों। डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर की गिरफ्तारी और करोड़ों की काली कमाई का खुलासा पंजाब पुलिस और प्रशासनिक तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े करता है। लेकिन सरकार की ओर से की गई त्वरित कार्रवाई यह संकेत देती है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई केवल शब्दों तक सीमित नहीं, बल्कि ठोस कदमों के साथ जारी है। अब इस मामले में आगे की जांच से यह स्पष्ट होगा कि इस भ्रष्टाचार के जाल में और कौन-कौन शामिल था, और क्या यह केवल एक व्यक्ति की करतूत थी या एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा।
 
            
