
नई दिल्ली: 5 अगस्त 2025 को पुत्रदा एकादशी और मंगला गौरी व्रत एक साथ पड़ रहे हैं, जो एक शुभ संयोग माना जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किए गए कुछ विशेष उपाय जीवन में सुख, समृद्धि और संतान सुख की प्राप्ति में सहायक होते हैं।
पुत्रदा एकादशी विशेष रूप से संतान सुख की कामना रखने वाले दंपतियों के लिए अत्यंत फलदायी मानी जाती है। आइए जानते हैं इस दिन किए जाने वाले कुछ प्रमुख उपाय और उनके लाभ:
संतान प्राप्ति के लिए: इस दिन पीले ताजे फूलों की माला बनाकर भगवान विष्णु को अर्पित करें और उन्हें चंदन का तिलक लगाएं। इससे संतान प्राप्ति की संभावनाएं बढ़ती हैं।
सफलता और रिश्तों में सामंजस्य के लिए: पांच मुखी रुद्राक्ष की पूजा कर उसे गले में धारण करें। इससे जीवन में सफलता और पारिवारिक तालमेल में वृद्धि होती है।
संतान के करियर की सफलता के लिए: अपने बच्चे के मस्तक पर केसर का तिलक लगाएं और किसी जरूरतमंद को पीला कपड़ा दान करें। इससे करियर में प्रगति के योग बनते हैं।
आर्थिक मजबूती के लिए: 5 सफेद कौड़ियों की पूजा कर उन्हें लाल कपड़े में बांधकर संतान को दें। इससे संतान का आर्थिक पक्ष मजबूत होता है।
संतान के सहयोग के लिए: भगवान विष्णु के मंत्र ‘ॐ नमो भगवते नारायणाय’ का 108 बार जप करें। इससे जीवन के कार्यों में संतान का सहयोग प्राप्त होता है।
संतान की उन्नति के लिए: भगवान विष्णु को माखन-मिश्री का भोग लगाएं, चंदन की धूप जलाएं और आशीर्वाद लें। इससे जीवन की रुकावटें दूर होती हैं।
दाम्पत्य जीवन में खुशहाली के लिए: पांच गोमती चक्रों की पूजा कर उन्हें लाल पोटली में बांधकर संतान को दें। इससे वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है।
सुख-सौभाग्य बढ़ाने के लिए: भगवान विष्णु को चंदन का तिलक लगाएं और सिद्ध सौभाग्य बीसा यंत्र संतान को दें या मंदिर में स्थापित करें।
बिजनेस में सुधार के लिए: साफ कपड़े पहनकर तुलसी के पौधे को जल चढ़ाएं और प्रणाम करें। इससे संतान के व्यवसाय में उन्नति होती है।
स्वास्थ्य लाभ के लिए: श्री हरि का नाम लेकर हल्दी की गांठ को पीसकर संतान के मस्तक पर तिलक करें। इससे संतान का स्वास्थ्य बेहतर होता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पुत्रदा एकादशी पर किए गए ये उपाय श्रद्धा और आस्था के साथ किए जाएं तो उनका फल अवश्य मिलता है। हालांकि, इन उपायों का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, यह धार्मिक विश्वास और परंपराओं पर आधारित हैं।