राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की हुई मुलाकात, क्या BMC चुनाव से पहले होगा राजनीतिक मेल-मिलाप?

राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की हुई मुलाकात, क्या BMC चुनाव से पहले होगा राजनीतिक मेल-मिलाप?
राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की हुई मुलाकात, क्या BMC चुनाव से पहले होगा राजनीतिक मेल-मिलाप?

मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे एक बार फिर आमने-सामने आए, जिससे बीएमसी चुनाव से पहले संभावित गठबंधन को लेकर नई अटकलें तेज हो गई हैं। यह मुलाकात रविवार शाम मुंबई के अंधेरी में महेंद्र कल्याणकर के बेटे की शादी में हुई। पिछले दो महीनों में यह तीसरी बार था जब दोनों नेताओं को एक साथ देखा गया।

क्या बीएमसी चुनाव से पहले बन सकता है गठबंधन?

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव को देखते हुए एमएनएस और उद्धव गुट के बीच किसी तरह के समझौते की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। हालांकि, अभी तक चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन राज्य की राजनीति में बढ़ती हलचल ने गठबंधन की अटकलों को मजबूती दी है।

वर्तमान में महाराष्ट्र की राजनीति दो बड़े मोर्चों में बंटी हुई है—

  1. सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन (भाजपा-शिंदे शिवसेना-एनसीपी अजीत पवार गुट)
  2. विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) (कांग्रेस-एनसीपी शरद पवार गुट-शिवसेना उद्धव गुट)

इस बीच, एमएनएस और उद्धव गुट के संभावित गठबंधन ने इन दोनों गठबंधनों में हलचल मचा दी है।

राज-उद्धव के रिश्तों की पृष्ठभूमि

राज ठाकरे ने 2005 में शिवसेना छोड़कर अपनी अलग पार्टी एमएनएस बनाई थी। तब से लेकर अब तक दोनों के राजनीतिक रास्ते अलग-अलग रहे हैं। पिछले साल हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में उद्धव गुट को सिर्फ 20 सीटें मिली थीं, जबकि एमएनएस कोई सीट नहीं जीत पाई थी।

हालांकि, आगामी नगर निगम चुनावों को देखते हुए राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं।

फडणवीस की राज ठाकरे से मुलाकात के मायने?

इस पूरे घटनाक्रम के बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की कुछ हफ्ते पहले राज ठाकरे से मुलाकात भी चर्चा का विषय बनी हुई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि यह मुलाकात बीएमसी चुनावों के लिए भाजपा और एमएनएस के बीच संभावित गठबंधन का हिस्सा थी।

अगर ऐसा हुआ तो भाजपा को ‘मराठी मानूस’ वोटों का फायदा मिल सकता है, जिससे वह मुंबई में अपनी पकड़ मजबूत कर सकती है।

हालांकि, फडणवीस ने इस मुलाकात को राजनीतिक न बताते हुए इसे निजी भेंट करार दिया था। दूसरी ओर, उद्धव गुट ने राज ठाकरे और एमएनएस को राजनीतिक रूप से अप्रासंगिक बताया है।

क्या बदलेंगे महाराष्ट्र की राजनीति के समीकरण?

राज और उद्धव ठाकरे की मुलाकात ने महाराष्ट्र की राजनीति में नए समीकरणों की संभावनाओं को जन्म दिया है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह महज एक शिष्टाचार मुलाकात थी या बीएमसी चुनाव के लिए किसी नए गठबंधन की शुरुआत?

अब यह वक्त बताएगा कि क्या ठाकरे बंधु एक बार फिर साथ आएंगे या यह मुलाकात सिर्फ अटकलों तक ही सीमित रह जाएगी।

Digikhabar Editorial Team
DigiKhabar.in हिंदी ख़बरों का प्रामाणिक एवं विश्वसनीय माध्यम है जिसका ध्येय है "केवलं सत्यम" मतलब केवल सच सच्चाई से समझौता न करना ही हमारा मंत्र है और निष्पक्ष पत्रकारिता हमारा उद्देश्य.