
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक अप्रत्याशित घटना सामने आई जब वकील राकेश किशोर ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई पर जूता फेंकने का प्रयास किया। हालांकि, कोर्टरूम में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें तुरंत पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया।
72 वर्षीय राकेश किशोर ने अपनी इस हरकत पर कोई पछतावा जाहिर नहीं किया और कहा कि वे जेल जाने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि जेल जाना उनके लिए बेहतर होगा। किशोर ने यह भी कहा कि उनका किसी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है। उनका परिवार इस घटना से नाराज है और वे समझ नहीं पा रहे कि उन्होंने ऐसा क्यों किया।
घटना का विवरण
यह घटना सुप्रीम कोर्ट के कोर्टरूम 1 में सुबह लगभग 11:35 बजे सुनवाई के दौरान हुई। अचानक किशोर ने अपना जूता उतारकर चीफ जस्टिस बीआर गवई की ओर फेंकने का प्रयास किया। लेकिन सुरक्षाकर्मी समय रहते उनकी इस कोशिश को नाकाम कर उन्हें कोर्टरूम से बाहर निकाल लिया।
जब अदालत के अधिकारियों ने इस मामले में CJI से दिशा-निर्देश मांगे, तो उन्होंने मामले को नजरअंदाज करने और किशोर को चेतावनी देकर छोड़ने की बात कही। वहीं दिल्ली पुलिस ने बताया कि राकेश किशोर के पास कोर्ट में प्रवेश के वैध दस्तावेज थे। उनके पास बार काउंसिल ऑफ इंडिया का कार्ड और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की अस्थायी सदस्यता भी मौजूद थी।
राकेश किशोर कौन हैं?
राकेश किशोर पेशे से वकील हैं और उनकी उम्र लगभग 72 वर्ष बताई जा रही है। वे सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के रजिस्टर्ड सदस्य हैं और दिल्ली के मयूर विहार इलाके में रहते हैं। उन्होंने 2009 में दिल्ली बार काउंसिल में नामांकन कराया था।
उनके पास सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन, शाहदरा बार एसोसिएशन और दिल्ली बार काउंसिल की सदस्यता कार्ड हैं। वरिष्ठ अधिवक्ताओं में उनकी दीर्घकालिक सदस्यता के कारण कानूनी बिरादरी में उनका नाम जाना जाता है।
यह घटना सुप्रीम कोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था और वकीलों के बीच तनाव को लेकर एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बनी हुई है।