नई दिल्ली: इस्लामिक चंद्र कैलेंडर का नौवां महीना रमज़ान (Ramadan) दुनियाभर के मुस्लिम समुदाय के लिए सबसे पवित्र समय माना जाता है। इस महीने में लोग अल्लाह की इबादत में लीन होकर रोज़ा रखते हैं और खुद को आध्यात्मिक रूप से शुद्ध करने की कोशिश करते हैं। रमज़ान की समाप्ति ईद-उल-फितर के साथ होती है, जो चांद दिखने के बाद मनाई जाती है।
कब शुरू होगा रमज़ान 2025?
रमज़ान की शुरुआत इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार चांद दिखने पर निर्भर करती है। अबू धाबी के इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल सेंटर के मुताबिक, रमज़ान 2025 का चांद 28 फरवरी 2025 को नजर आने की संभावना है। अगर यह भविष्यवाणी सही रही, तो रमज़ान का महीना 1 मार्च 2025 से शुरू होगा।
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में, लोग 28 फरवरी 2025 की रात को तरावीह की नमाज़ अदा करेंगे और अगले दिन से रोज़े की शुरुआत करेंगे। हालांकि, अगर चांद 1 मार्च 2025 को नजर आता है, तो रमज़ान 2 मार्च 2025 से शुरू होगा।
रोज़े का महत्व और तरीका
रमज़ान के दौरान, लोग सहरी (Suhoor) में सूर्योदय से पहले भोजन करते हैं और फिर इफ्तार (Iftar) के समय सूर्यास्त के बाद रोज़ा खोलते हैं। पूरे दिन बिना पानी और भोजन के रहकर, वे अपने धैर्य और भक्ति का परिचय देते हैं।
2025 में रमज़ान के शुरुआती दिनों में लोग लगभग 13 घंटे का रोज़ा रखेंगे, जबकि महीने के अंत तक रोज़े की अवधि 13 घंटे 45 मिनट तक बढ़ जाएगी।
ईद-उल-फितर का जश्न
रमज़ान का समापन ईद-उल-फितर के साथ होता है, जिसे चांद दिखने के अगले दिन मनाया जाता है। इस दिन लोग विशेष नमाज़ अदा करते हैं, गरीबों को ज़कात देते हैं और परिवार व दोस्तों के साथ मिठाइयों और पकवानों का लुत्फ उठाते हैं।
रमज़ान सिर्फ उपवास का महीना नहीं है, बल्कि यह आत्मसंयम, दया, ईमानदारी और इबादत का पवित्र समय भी है, जिसमें लोग अपनी आध्यात्मिक उन्नति के लिए प्रयास करते हैं।