
नई दिल्ली: आज भारत के सबसे सम्मानित और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचाने जाने वाले उद्योगपतियों में से एक रतन टाटा की पहली पुण्यतिथि है। रतन टाटा ने 1991 में टाटा स्टील के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला और उसके बाद टाटा समूह को न सिर्फ आधुनिकता की दिशा में अग्रसर किया, बल्कि वैश्विक स्तर पर स्थापित भी किया। उनके नेतृत्व में किए गए कई अंतरराष्ट्रीय सौदों ने भारतीय उद्योग जगत में एक नया अध्याय जोड़ा। आइए डालते हैं नजर उन प्रमुख सौदों पर जिन्होंने टाटा समूह को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई।
1. टेटली टी अधिग्रहण (2000)
टाटा टी (अब टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स) ने ब्रिटिश चाय कंपनी टेटली को 450 मिलियन डॉलर में खरीदा। यह किसी भारतीय कंपनी द्वारा किया गया शुरुआती बड़े अंतरराष्ट्रीय अधिग्रहणों में से एक था। इस सौदे ने टाटा को दुनिया की सबसे बड़ी चाय कंपनियों में शामिल कर दिया और रतन टाटा की वैश्विक रणनीति की शुरुआत मानी जाती है।
2. कोरस स्टील अधिग्रहण (2007)
12.9 बिलियन डॉलर का यह सौदा भारतीय कॉरपोरेट इतिहास में सबसे बड़ा अधिग्रहण माना गया। यूके स्थित कोरस स्टील कंपनी को खरीदकर टाटा स्टील दुनिया की शीर्ष 10 स्टील उत्पादक कंपनियों में शामिल हो गया। यह रतन टाटा के वैश्विक औद्योगिक दृष्टिकोण का प्रतीक था।
3. जगुआर-लैंड रोवर अधिग्रहण (2008)
टाटा मोटर्स ने अमेरिकी कंपनी फोर्ड से 2.3 बिलियन डॉलर में जगुआर और लैंड रोवर ब्रांड्स का अधिग्रहण किया। शुरू में इस सौदे को लेकर संदेह था, लेकिन यह टाटा मोटर्स के लिए अत्यंत सफल साबित हुआ और कंपनी को वैश्विक ऑटोमोबाइल बाजार में एक मजबूत पहचान मिली।
4. डाएवू कमर्शियल व्हीकल यूनिट (2004)
टाटा मोटर्स ने 102 मिलियन डॉलर में दक्षिण कोरिया की डाएवू कमर्शियल वाहन इकाई का अधिग्रहण किया। इससे टाटा को न केवल उन्नत तकनीक मिली बल्कि वैश्विक ट्रक बाजार में भी अपनी पकड़ मजबूत करने का अवसर मिला।
5. स्टारबक्स के साथ संयुक्त उद्यम (2012)
टाटा ग्लोबल बेवरेजेज (अब टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स) ने अमेरिकी कंपनी स्टारबक्स के साथ भारत में आउटलेट्स खोलने के लिए संयुक्त उद्यम किया। इससे टाटा को भारतीय कॉफी खुदरा बाजार में प्रवेश करने का मौका मिला, जो समय के साथ तेजी से बढ़ा है।
रतन टाटा के नेतृत्व में किए गए ये सौदे न केवल टाटा समूह को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने में सहायक रहे, बल्कि भारत को एक उभरती हुई आर्थिक महाशक्ति के रूप में वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने में भी अहम भूमिका निभाई। उनकी दूरदर्शिता, साहसिक निर्णय और मानवीय नेतृत्व आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं।