Ravichandran Ashwin ने क्रिकेट से लिया संन्यास, 14 साल की शानदार यात्रा का किया समापन, एक नजर उनके करियर पर

Ravichandran Ashwin ने क्रिकेट से लिया संन्यास, 14 साल की शानदार यात्रा का किया समापन, एक नजर उनके करियर पर
Ravichandran Ashwin ने क्रिकेट से लिया संन्यास, 14 साल की शानदार यात्रा का किया समापन, एक नजर उनके करियर पर

भारत के महान क्रिकेटर Ravichandran Ashwin ने बुधवार, 18 दिसंबर को ब्रिसबेन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच के ड्रॉ होने के बाद क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा की। 38 वर्षीय अश्विन ने इस घोषणा के साथ ही अपनी 14 साल की क्रिकेट यात्रा का समापन कर दिया, जिसमें उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया।

अश्विन, जो इस समय ICC टेस्ट रैंकिंग में गेंदबाजों और ऑलराउंडरों की सूची में क्रमशः पांचवें और तीसरे स्थान पर थे, ने अपनी यात्रा के दौरान कई यादगार रिकॉर्ड बनाए। वे भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज हैं, जिन्होंने 106 टेस्ट मैचों में 537 विकेट लेने का अद्भुत रिकॉर्ड बनाया। अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में 250, 300 और 350 विकेट लेने वाले सबसे तेज गेंदबाज बनने का भी गौरव प्राप्त किया।

ब्रिसबेन टेस्ट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में अश्विन ने कहा, “यह मेरा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों में आखिरी दिन होगा। मुझे लगता है कि मुझमें अब भी क्रिकेट खेलने की क्षमता है, लेकिन मैं इसे क्लब क्रिकेट में खेलने की योजना बना रहा हूं।” उन्होंने अपनी क्रिकेट यात्रा के बारे में बात करते हुए कहा, “मैंने इस खेल में खूब मज़ा लिया है और बहुत सारी यादें बनाई हैं। मुझे गर्व है कि मैं अपने साथियों के साथ इस सफर में शामिल रहा हूं।”

अश्विन ने अपनी सफलता का श्रेय भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और अपने साथी खिलाड़ियों को दिया। उन्होंने कहा, “मैं बीसीसीआई और अपने साथियों का आभारी हूं, जिनके समर्थन से यह सब संभव हो सका। रोहित, विराट, अजिंक्य, पुजारा और अन्य साथियों का धन्यवाद, जिन्होंने मेरे लिए क्रिकेट खेलने का सफर आसान और रोमांचक बनाया।”

अश्विन ने यह भी बताया कि उनकी क्रिकेट यात्रा के दौरान उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ कड़ी प्रतिस्पर्धा का अनुभव लिया। “ऑस्ट्रेलियाई टीम ने हमेशा हमें कड़ी चुनौती दी है, और मैंने उनके खिलाफ खेलते हुए बहुत कुछ सीखा है। मैं उनके खिलाफ खेलने का लुत्फ उठाता था।”

अश्विन के टेस्ट रिकॉर्ड और उपलब्धियां

रविचंद्रन अश्विन ने अपने 14 साल के क्रिकेट करियर में असंख्य रिकॉर्ड बनाए। टेस्ट मैचों में उनका प्रदर्शन बेहद प्रभावशाली रहा। उन्होंने 37 बार पांच विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया है, जिसमें उनका डेब्यू मैच भी शामिल है। यह रिकॉर्ड उन्होंने शेन वार्न के साथ साझा किया है, जो टेस्ट क्रिकेट के सबसे महान स्पिन गेंदबाज माने जाते थे।

अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा बाएं हाथ के बल्लेबाजों को आउट करने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया है, उन्होंने 268 बाएं हाथ के बल्लेबाजों को आउट किया। इसके अलावा, टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 3503 रन भी बनाए हैं, जिसमें छह शतक और 14 अर्द्धशतक शामिल हैं। वे एक ही टेस्ट मैच में सबसे ज्यादा बार शतक और पांच विकेट लेने का भारतीय रिकॉर्ड रखते हैं।

अश्विन का वनडे और टी20 क्रिकेट में भी शानदार प्रदर्शन रहा है। उन्होंने 116 वनडे मैचों में 156 विकेट लिए और इस प्रारूप में 707 रन बनाए। इसके अलावा, उन्होंने 65 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 72 विकेट लिए। उनकी गेंदबाजी की शैली और विविधताओं ने उन्हें सभी प्रारूपों में एक बहुमुखी खिलाड़ी बना दिया था।

अश्विन की मेहनत और पुरस्कार

अश्विन की मेहनत को कई बार सराहा गया है। 2015 में उन्हें भारत सरकार द्वारा अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके बाद, 2015-16 के सफल साल के बाद, उन्हें ICC पुरुष क्रिकेटर ऑफ द ईयर अवार्ड के साथ-साथ 2016 में पुरुष टेस्ट क्रिकेटर ऑफ द ईयर अवार्ड से भी नवाजा गया। 2011-2020 के बीच आईसीसी टेस्ट टीम ऑफ द डिकेड में भी उनका नाम शामिल किया गया था।

आने वाले सीज़न में अश्विन का आईपीएल करियर

अश्विन का आईपीएल करियर भी बहुत शानदार रहा है। वे आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के अहम सदस्य रहे हैं और अब वह 2025 के आईपीएल मेगा नीलामी में 9.75 करोड़ रुपये में खरीदे गए हैं। उनकी वापसी सीएसके में होने की संभावना है। इसके साथ ही, अश्विन तमिलनाडु प्रीमियर लीग (टीएनपीएल) और अन्य क्लब-स्तरीय क्रिकेट में खेलते रह सकते हैं।

अश्विन का संन्यास – भारतीय क्रिकेट में एक युग का समापन

रविचंद्रन अश्विन का संन्यास भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ी घटना है। उन्होंने अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन हमेशा अपने खेल के प्रति समर्पण और मेहनत से उन्होंने खुद को साबित किया। उनका संन्यास क्रिकेट की दुनिया में एक महत्वपूर्ण क्षण है, क्योंकि उन्होंने भारतीय क्रिकेट में अपनी एक अलग पहचान बनाई थी।

अश्विन की गेंदबाजी ने न केवल भारतीय क्रिकेट टीम को मजबूत किया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी उनकी पहचान एक प्रमुख स्पिन गेंदबाज के रूप में बनी। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा, और उनकी उपलब्धियों से भारतीय क्रिकेट को प्रेरणा मिलती रहेगी।

अश्विन का भविष्य

अश्विन ने संन्यास लेने के बाद कहा कि वह क्लब क्रिकेट में खेलते रहेंगे और आने वाली पीढ़ियों के लिए अपने अनुभव साझा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि क्रिकेट के प्रति उनका प्यार और जुनून कभी कम नहीं होगा। उन्होंने युवा क्रिकेटरों को संदेश दिया कि अगर वे मेहनत करते हैं और खेल के प्रति समर्पित रहते हैं, तो वे भी बड़ी ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं।

अश्विन का करियर एक प्रेरणा है, और उनका संन्यास भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय रहेगा। उनकी क्रिकेट यात्रा में बहुत सी कहानियाँ और यादें हैं, जो हमेशा क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में जीवित रहेंगी।

Digikhabar Editorial Team
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