Indus Water Treaty पर बोले एस जयशंकर, “खून और पानी एकसाथ नहीं बह सकते”

Indus Water Treaty पर बोले एस जयशंकर,
Indus Water Treaty पर बोले एस जयशंकर, "खून और पानी एकसाथ नहीं बह सकते"

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को राज्यसभा में इंडस वॉटर ट्रीटी और पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सरकार का रुख स्पष्ट किया। उन्होंने इंडस जल संधि को “असाधारण” करार देते हुए कहा कि यह समझौता विश्व में अपने आप में एक अनोखी मिसाल है जहां एक देश ने अपनी प्रमुख नदियों पर कोई अधिकार लिए बिना उन्हें दूसरे देश को बहने दिया।

जयशंकर ने कहा, “इंडस वॉटर ट्रीटी एक अत्यंत विशेष समझौता है। मुझे विश्व में कोई और ऐसा समझौता याद नहीं आता जिसमें एक देश ने अपने प्रमुख जलस्रोतों पर अधिकार छोड़ दिए हों और उन्हें पड़ोसी देश को जाने दिया हो। यह इतिहास में एक अद्वितीय घटना थी और जब हमने इसे स्थगित करने का निर्णय लिया, तब इसका ऐतिहासिक संदर्भ याद रखना ज़रूरी है।”

उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ लोग इतिहास को भूलना चाहते हैं क्योंकि वह उनके अनुसार नहीं बैठता। “कुछ लोगों को इतिहास से असहजता है। वे केवल वही बातें याद रखना चाहते हैं जो उनके हित में हों।”

पहलगाम आतंकी हमले पर जताई कड़ी नाराज़गी

विदेश मंत्री ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले को पूरी तरह अस्वीकार्य बताया और कहा कि इसमें एक “रेडलाइन” पार की गई है, जिसका जवाब देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि बीते एक दशक में भारत ने वैश्विक स्तर पर आतंकवाद को एक केंद्रीय मुद्दा बनाने में सफलता पाई है, चाहे वह BRICS हो, SCO, QUAD या फिर द्विपक्षीय मंच।

नेहरू के बयान का किया ज़िक्र

जयशंकर ने संसद में 1960 में दिए गए जवाहरलाल नेहरू के बयान का हवाला देते हुए कहा, “30 नवम्बर 1960 को नेहरू जी ने कहा था कि क्या इस सदन को तय करना है कि पाकिस्तान को कितना पानी या पैसा दिया जाए। जब कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताई, तो उन्होंने कहा कि यह समझौता मैं पाकिस्तानी पंजाब के हित में कर रहा हूं। कश्मीर, भारतीय पंजाब, राजस्थान या गुजरात के किसानों का कहीं कोई ज़िक्र नहीं था।”

मोदी सरकार ने की ‘भूलों’ की सुधार

जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेहरू की ‘भूलों’ को सुधारा है। उन्होंने कहा, “हमें 60 साल तक बताया गया कि कुछ नहीं किया जा सकता, पंडित नेहरू की गलतियों को सुधारा नहीं जा सकता। लेकिन मोदी सरकार ने दिखा दिया कि यह संभव है। अनुच्छेद 370 को हटाया गया, अब इंडस वॉटर ट्रीटी को भी सुधारा जा रहा है।”

उन्होंने कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन पूरी तरह और अपरिवर्तनीय रूप से नहीं छोड़ता, तब तक इंडस जल संधि को स्थगित रखा जाएगा। “हमने साफ कर दिया है कि खून और पानी एकसाथ नहीं बह सकते,” जयशंकर ने कहा।

इस बयान के साथ सरकार ने यह संकेत दिया है कि भारत अब पाकिस्तान के साथ पुराने समझौतों पर पुनर्विचार करने को तैयार है, यदि वहां से निरंतर आतंकवाद का समर्थन जारी रहता है।

Digikhabar Team
DigiKhabar.in हिंदी ख़बरों का प्रामाणिक एवं विश्वसनीय माध्यम है जिसका ध्येय है "केवलं सत्यम" मतलब केवल सच सच्चाई से समझौता न करना ही हमारा मंत्र है और निष्पक्ष पत्रकारिता हमारा उद्देश्य.