
नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता संजय झा ने सोमवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को एक खुला पत्र लिखकर पार्टी के आंतरिक मुद्दों को सुलझाने की अपील की। उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर कोई भी शायद राहुल गांधी को सच्चाई नहीं बताएगा, इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया है।
झा ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “कांग्रेस के अंदर कोई भी शायद आपको यह नहीं बताएगा। तो हमेशा की तरह, मुझे ही यह काम करना पड़ेगा।” उन्होंने राहुल गांधी से आग्रह किया कि वे पार्टी के भीतर के मतभेदों का सामना करें और अस्वीकार (डिनायल) मोड में न रहें।
शशि थरूर और कांग्रेस नेतृत्व के बीच तकरार
संजय झा की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर और पार्टी नेतृत्व के बीच मतभेद की खबरें सुर्खियों में हैं।
थरूर ने हाल ही में अंग्रेजी कवि थॉमस ग्रे की एक रहस्यमयी पंक्ति साझा की:
“Where ignorance is bliss, ‘tis folly to be wise”
“जहां अज्ञान आनंददायक है, वहां बुद्धिमान होना मूर्खता है।”
इस पोस्ट को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि थरूर और कांग्रेस नेतृत्व के बीच तनाव बढ़ रहा है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब थरूर ने केरल सरकार की आर्थिक नीतियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा की तारीफ की थी।
थरूर ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा, “मैं 16 साल से राजनीति में हूं। मेरा मानना है कि अगर कोई सरकार, चाहे वह हमारी हो या किसी और पार्टी की, कुछ अच्छा करे तो उसे सराहा जाना चाहिए, और अगर कुछ गलत हो तो उसकी आलोचना भी होनी चाहिए।”
हालांकि, खबरों के मुताबिक, थरूर की नाराजगी सिर्फ इस विवाद तक सीमित नहीं है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, एआईसीसी (AICC) के सूत्रों का कहना है कि थरूर पार्टी में अपनी भूमिका को लेकर भी असमंजस में हैं। राहुल गांधी ने अब तक उनकी स्थिति स्पष्ट नहीं की है, जिससे उनकी नाराजगी बढ़ गई है।
“शशि थरूर कांग्रेस की बड़ी संपत्ति हैं” – संजय झा
संजय झा ने अपने पत्र में कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए खासतौर पर थरूर के साथ हो रहे व्यवहार की आलोचना की।
उन्होंने लिखा, “आप और मैं दोनों जानते हैं कि शशि एक बेहतरीन सांसद हैं। वे देश के उन कुछ लोगों में से एक हैं, जिनके लिए यह कहावत सच साबित होती है – ‘उन्हें किसी परिचय की आवश्यकता नहीं।’”
झा ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक प्रतिभाशाली नेता को मीडिया के जरिए अपना संदेश राहुल गांधी और कांग्रेस नेतृत्व तक पहुंचाना पड़ रहा है।
कांग्रेस को “अपना घर ठीक करना” होगा
झा ने चेतावनी दी कि कांग्रेस आंतरिक संघर्षों को लंबा खींचने का जोखिम नहीं उठा सकती, क्योंकि इससे पार्टी कमजोर होती है।
उन्होंने लिखा, “भाजपा से लड़ने से पहले हमें अपना घर ठीक करना होगा। एक चुनौती देने वाली पार्टी को तेजी से फैसले लेने वाले, जोखिम उठाने वाले और हमेशा सतर्क रहने वाले रवैये की जरूरत होती है। हम ‘जैसे-तैसे’ वाले रवैये से नहीं चल सकते।”
पत्र के अंत में उन्होंने कांग्रेस की मौजूदा स्थिति पर एक तीखी टिप्पणी करते हुए कहा,
“हमें कील पर सही जगह वार करना चाहिए, लेकिन इस वक्त ऐसा लग रहा है कि हम खुद ही कील पर सिर मार रहे हैं।”
कांग्रेस के लिए चेतावनी या बदलाव का संकेत?
संजय झा का यह पत्र कांग्रेस के भीतर गहरे असंतोष को दर्शाता है। राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाना और थरूर जैसे वरिष्ठ नेता की स्थिति को लेकर चिंता जाहिर करना बताता है कि पार्टी के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।
अब देखना होगा कि राहुल गांधी इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और कांग्रेस अपनी आंतरिक कलह को सुलझाकर 2029 के चुनावों की तैयारी कैसे करती है।