
मुंबई/लाहौर: दिलजीत दोसांझ की फिल्म ‘सरदार जी 3’ इस समय तीव्र विरोध के घेरे में है। फिल्म में पाकिस्तानी अभिनेत्री हानिया आमिर की मौजूदगी के कारण इसे भारत में भारी आलोचना झेलनी पड़ी और अब तक इसे भारतीय सिनेमाघरों में रिलीज नहीं किया जा सका। वहीं, शुक्रवार को यह फिल्म पाकिस्तान और अन्य कुछ देशों में रिलीज हो गई है, लेकिन विवाद और गहराता जा रहा है।
नीरू बाजवा का बड़ा कदम
इस विवाद के बीच फिल्म की सह-नायिका नीरू बाजवा ने भी इससे दूरी बनानी शुरू कर दी है। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से ‘सरदार जी 3’ के सभी पोस्टर हटा दिए हैं और हानिया आमिर को अनफॉलो कर दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक स्क्रीनशॉट से यह पुष्टि भी हो गई है।
नीरू का यह कदम ऐसे वक्त पर आया है जब फिल्म पहले से ही राजनीतिक और सामाजिक आलोचना का सामना कर रही है। माना जा रहा है कि नीरू के इस फैसले से फिल्म के निर्माताओं पर और भी दबाव बढ़ सकता है।
दिलजीत दोसांझ का बयान बना विवाद की जड़
फिल्म के लीड एक्टर दिलजीत दोसांझ ने हाल ही में एक इवेंट में कहा था,
“जब फिल्म बन रही थी तब हालात ठीक थे, अब बन गई है तो मेकर्स के पैसे लगे हैं और कुछ चीजें हमारे हाथ में नहीं होती।”
इस बयान को लोगों ने गैर-जिम्मेदाराना करार दिया। सोशल मीडिया पर दिलजीत को देश के बजाय अपनी फिल्म को प्राथमिकता देने का आरोप लगाते हुए ट्रोल किया गया।
मीका सिंह और गुरु रंधावा की नाराजगी
पंजाबी संगीत जगत के सितारे भी इस विवाद में कूद चुके हैं। मीका सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा,
“भारत और पाकिस्तान के रिश्ते संवेदनशील हैं। ऐसी फिल्मों को रिलीज करने से पहले देश की अस्मिता का ख्याल रखना जरूरी है।”
वहीं गुरु रंधावा ने भी फिल्म पर सवाल उठाए और इसके समय और कास्टिंग को लेकर विरोध दर्ज कराया।
बॉलीवुड से भी उठी आवाजें
बॉलीवुड के वरिष्ठ अभिनेता पुनीत इस्सर ने भी दिलजीत दोसांझ की आलोचना करते हुए कहा कि कलाकारों को सामाजिक और राष्ट्रीय जिम्मेदारियों का एहसास होना चाहिए। उन्होंने इस मुद्दे पर दिलजीत को अधिक संवेदनशील बनने की सलाह दी।
भारत में रिलीज पर सस्पेंस
फिलहाल ‘सरदार जी 3’ को भारत में रिलीज करने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। हालांकि पाकिस्तान में इसे 27 जून को रिलीज किया गया है, लेकिन भारतीय दर्शकों और आलोचकों के तीव्र विरोध के चलते इसका भविष्य अधर में लटका हुआ है।
निष्कर्ष
‘सरदार जी 3’ अब सिर्फ एक फिल्म नहीं रही, बल्कि एक राजनीतिक-सांस्कृतिक बहस का केंद्र बन चुकी है। नीरू बाजवा का फिल्म से सार्वजनिक रूप से दूरी बनाना, हानिया आमिर को लेकर उठ रही आपत्तियां और कई बड़े कलाकारों की नाराजगी इस बात का संकेत है कि दर्शक अब सिर्फ कंटेंट नहीं, उसके पीछे की नीयत भी देखना चाहते हैं।
फिल्म के निर्माता और कलाकारों के लिए यह विवाद एक बड़ा सबक हो सकता है – कि लोकप्रियता और जिम्मेदारी साथ-साथ चलती है।