Bengaluru के AI इंजीनियर Atul Subhash की आत्महत्या पर वरिष्ठ वकील विकास ने दिया बड़ा बयान, ‘498-A पैसा ऐंठने का जरिया बन गया है’

Bengaluru के AI इंजीनियर Atul Subhash की आत्महत्या पर वरिष्ठ वकील विकास ने दिया बड़ा बयान, '498-A पैसा ऐंठने का जरिया बन गया है'
Bengaluru के AI इंजीनियर Atul Subhash की आत्महत्या पर वरिष्ठ वकील विकास ने दिया बड़ा बयान, '498-A पैसा ऐंठने का जरिया बन गया है'

बेंगलुरु के AI इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498-A के दुरुपयोग को लेकर गंभीर बहस छेड़ दी है। 9 दिसंबर को सुभाष ने आत्महत्या कर ली, और बताया जा रहा है कि वह अपनी पत्नी और ससुराल के उत्पीड़न का शिकार थे। इस मुद्दे पर वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने चिंता जताई है और कहा कि धारा 498-A का गलत इस्तेमाल समाज के लिए हानिकारक हो रहा है।

पाहवा का कहना था कि पिछले तीन दशकों में उन्होंने देखा है कि कैसे इस धारा का इस्तेमाल गलत तरीके से किया जाता है, जहां ससुराल वाले अक्सर पति और उसके परिवार को झूठे आरोपों में फंसाकर पैसों की मांग करते हैं। उन्होंने कहा, “मुझे यह नहीं कहना कि ऐसे मामले नहीं होते, लेकिन ज्यादातर मामलों में पैसे की मांग की जाती है।” पाहवा ने इस धारा को ज़मानती बनाने, लिंग-तटस्थ प्रावधान लागू करने और झूठे मामलों के लिए सजा देने की सलाह दी है।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने भी इस दुरुपयोग पर चिंता व्यक्त की और कहा कि इस पर बदलाव की जरूरत है, जैसे कि प्राथमिकी दर्ज करने से पहले जांच होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट की वकील जूही अरोड़ा ने भी इस मुद्दे पर आत्मनिरीक्षण का आह्वान किया और कहा कि हमें ऐसी आत्महत्याओं को रोकने के लिए गंभीर कदम उठाने चाहिए।

बेंगलुरु के पुलिस अधिकारी शिवकुमार ने पुष्टि की कि सुभाष ने आत्महत्या की और कहा कि उनकी पत्नी और ससुराल वाले उनसे पैसे की मांग कर रहे थे। सुभाष के भाई ने भी आरोप लगाया कि ससुराल वालों ने उन्हें मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न किया और तीन करोड़ रुपये की मांग की, जिससे तंग आकर सुभाष ने आत्महत्या कर ली।

Digikhabar Editorial Team
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