Sharad Purnima 2025: चंद्रमा की अमृत वर्षा से भरी रात, जानिए आपके शहर में चंद्रोदय का समय

Sharad Purnima 2025: चंद्रमा की अमृत वर्षा से भरी रात, जानिए आपके शहर में चंद्रोदय का समय
Sharad Purnima 2025: चंद्रमा की अमृत वर्षा से भरी रात, जानिए आपके शहर में चंद्रोदय का समय

नई दिल्ली: भारत की आध्यात्मिक परंपराओं में शरद पूर्णिमा की रात को विशेष स्थान प्राप्त है। इस वर्ष शरद पूर्णिमा सोमवार, 6 अक्टूबर 2025 को पड़ रही है। मान्यता है कि इस रात चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं से युक्त होता है और पृथ्वी पर अमृत की वर्षा करता है। यह रात शांति, समृद्धि और आभार की प्रतीक मानी जाती है।

इस पावन अवसर पर भक्तजन खीर बनाकर उसे चांदनी में रखते हैं ताकि उसमें चंद्रमा की ठंडी और उपचारक ऊर्जा का संचार हो सके। लेकिन इस अलौकिक दृश्य का साक्षात्कार करने के लिए यह जानना जरूरी है कि आपके शहर में चंद्रोदय का समय क्या रहेगा।

शहरों के अनुसार चंद्रोदय समय (6 अक्टूबर 2025):
(जानकारी स्रोत: द्रिक पंचांग एवं स्थानीय खगोल चार्ट)

शहरचंद्रोदय समय
नई दिल्ली5:27 PM
मुंबई5:49 PM
कोलकाता5:24 PM
चेन्नई5:39 PM
बेंगलुरु5:42 PM
हैदराबाद5:36 PM
अहमदाबाद5:44 PM
लखनऊ5:31 PM
नासिक5:43 PM
वाराणसी5:04 PM
चंडीगढ़5:27 PM
नोएडा5:26 PM

शरद पूर्णिमा पर चंद्रोदय का महत्व

शास्त्रों के अनुसार, शरद पूर्णिमा पर पूजा-पाठ, ध्यान और अन्य आध्यात्मिक गतिविधियां चंद्रमा के उदय के बाद ही की जाती हैं। इस रात को लोग घर की छतों, आंगनों और मंदिरों में एकत्र होकर मंत्रोच्चारण करते हैं, भजन गाते हैं और खीर को चंद्रमा की रोशनी में रखते हैं।

चंद्रोदय केवल धार्मिक अनुष्ठानों का आरंभ भर नहीं है, बल्कि यह लक्ष्मी जी की कृपा, आंतरिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक भी माना जाता है।

चांदनी में कुछ पल खुद के लिए

भले ही आप धार्मिक अनुष्ठानों में भाग न लें, फिर भी इस रात को कुछ शांत क्षण चांदनी में बिताना, ध्यान करना, नंगे पांव टहलना या बस चंद्रमा को निहारना भी मन को शांति और ऊर्जा प्रदान कर सकता है।

शरद पूर्णिमा: आभार और मौन का उत्सव

तेजी से भागती दुनिया में शरद पूर्णिमा एक अवसर देती है रुककर सांस लेने का, प्रकृति की ओर देखने का और भीतर झांकने का। चाहे आप मुंबई में समुद्र किनारे चंद्रमा की रोशनी देखें या लखनऊ में अपनी बालकनी से, यह रात यही संदेश देती है – उजाला अंधेरे को चीर सकता है।

इसलिए 6 अक्टूबर की रात, जब चंद्रमा अपनी पूर्ण आभा में होगा, तो उसकी चांदनी में बैठकर कृतज्ञता, शांति और मौन आनंद का अनुभव करें। यह अनुभव न केवल आपके मन को सुकून देगा, बल्कि आपको प्रकृति और जीवन की ऊर्जाओं से जोड़ने का माध्यम बनेगा।

शरद पूर्णिमा एक ऐसी रात है जिसे अपनों के साथ मिलकर श्रद्धा, प्रेम और शांति से मनाना चाहिए।

Pushpesh Rai
एक विचारशील लेखक, जो समाज की नब्ज को समझता है और उसी के आधार पर शब्दों को पंख देता है। लिखता है वो, केवल किताबों तक ही नहीं, बल्कि इंसानों की कहानियों, उनकी संघर्षों और उनकी उम्मीदों को भी। पढ़ना उसका जुनून है, क्योंकि उसे सिर्फ शब्दों का संसार ही नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगियों का हर पहलू भी समझने की इच्छा है।