मुंबई: सप्ताह की शुरुआत में शेयर बाजार में मिला-जुला रुख देखने को मिला। सेंसेक्स के प्रमुख शेयरों में आईटीसी, बजाज फिनसर्व, एशियन पेंट्स, टाटा स्टील और हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसे स्टॉक्स में बढ़त दर्ज की गई, जहां आईटीसी ने अपने Q1 नतीजों के बाद 0.84% की तेजी के साथ सबसे आगे बढ़त बनाई। वहीं दूसरी ओर इंफोसिस, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, पावर ग्रिड जैसे शेयरों में गिरावट देखने को मिली। इंफोसिस ने शुरुआती कारोबार में 1.32% की गिरावट दर्ज की। निफ्टी पैक में शुरुआती कारोबार के दौरान 1,687 स्टॉक्स हरे निशान में थे, जबकि 766 स्टॉक्स लाल निशान में ट्रेड कर रहे थे। 85 स्टॉक्स में कोई बदलाव नहीं देखा गया।
तकनीकी विश्लेषण का संकेत
कोटक सिक्योरिटीज के प्रमुख इक्विटी रिसर्च प्रमुख श्रीकांत चौहान के अनुसार, बाजार में निकट भविष्य में कमजोरी देखी जा सकती है। यदि निफ्टी 24,500/80,400 के स्तर से नीचे फिसलता है, तो यह 24,200–24,150/79,700-79,500 तक गिर सकता है। हालांकि, यदि निफ्टी 24,650/81,000 के ऊपर जाता है, तो बाजार की धारणा बदल सकती है और यह 20-दिन की एसएमए 24,800/81,450 या 50-दिन की एसएमए 25,050/82,000 को पुनः टेस्ट कर सकता है।
गिफ्ट निफ्टी का संकेत
गिफ्ट निफ्टी ने सकारात्मक शुरुआत का संकेत दिया। यह 57 अंकों की तेजी के साथ 24,656 पर खुला, जबकि पिछला बंद 24,599 पर हुआ था।
एफआईआई और डीआईआई की स्थिति
1 अगस्त 2025 को विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने लगातार दसवें दिन बिकवाली की, इस दिन उन्होंने 3,366 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। वहीं घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) लगातार 20वें दिन खरीदार बने रहे और 3,186 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
एशियाई बाजारों का हाल
एशियाई बाजारों में भी मिला-जुला रुख देखने को मिला। जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 509.60 अंकों की गिरावट के साथ 1.25% नीचे बंद हुआ। वहीं हांगकांग का हैंगसेंग 59.19 अंक यानी 0.24% की बढ़त के साथ ऊपर रहा। दक्षिण कोरिया का कोस्पी और चीन का शंघाई कंपोजिट इंडेक्स भी हरे निशान में ट्रेड कर रहे थे।
सेक्टोरल परफॉर्मेंस
ज्यादातर निफ्टी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में रहे, केवल निफ्टी आईटी इंडेक्स में 0.31% की गिरावट दर्ज की गई। दूसरी ओर, निफ्टी ऑटो इंडेक्स 0.71% चढ़ा, निफ्टी मेटल इंडेक्स में 0.86% की तेजी रही, जबकि निफ्टी एफएमसीजी इंडेक्स 0.25% ऊपर रहा। कुल मिलाकर बाजार में फिलहाल अनिश्चितता बनी हुई है और निवेशकों को तकनीकी स्तरों पर नजर रखने की सलाह दी जा रही है।