जॉर्जटाउन (गयाना): कांग्रेस सांसद डॉ. शशि थरूर के नेतृत्व में भारत के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने गयाना की नेशनल असेंबली के स्पीकर मनज़ूर नादिर से मुलाकात की और भारत की आतंकवाद के प्रति “जीरो टॉलरेंस” की नीति का संदेश पहुंचाया। यह कूटनीतिक दौरा ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत द्वारा चलाए जा रहे वैश्विक अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को दुनिया के सामने रखना है।
‘डरे नहीं हैं, जवाब ज़रूर देंगे’: शशि थरूर
मीडिया से बात करते हुए थरूर ने कहा कि भारत शांति चाहता है लेकिन “शक्ति के साथ शांति” चाहता है, न कि डर से।
उन्होंने कहा, “हम डर के कारण शांति नहीं चाहते। अगर वे (आतंकवादी) दोबारा हमला करेंगे, तो उन्हें इससे भी बड़ा जवाब मिलेगा।”
थरूर ने बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने बहुत “संतुलित, सटीक और मापा हुआ जवाब” दिया।
सांप्रदायिक तनाव फैलाने की साजिश नाकाम
डॉ. थरूर ने बताया कि आतंकियों का मकसद भारत में हिंदू-मुस्लिम समुदायों के बीच तनाव फैलाना था, लेकिन यह साजिश पूरी तरह विफल रही। उन्होंने कहा, “सभी समुदायों ने एकजुट होकर प्रतिक्रिया दी। इन चार दिनों की झड़पों के दौरान भारतीय सेना और सरकार की ब्रीफिंग में दो महिला सैन्य अधिकारी शामिल थीं, जिनमें से एक मुस्लिम थीं। इससे स्पष्ट संदेश गया कि यह लड़ाई किसी धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ है।”
गयाना की संसद के अध्यक्ष का भारत को समर्थन
इस मौके पर गयाना की संसद के अध्यक्ष मनज़ूर नादिर ने कहा, “गयाना भारत के लोकतंत्र और ग्लोबल साउथ में उसके योगदान का सम्मान करता है।”
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
ऑपरेशन सिंदूर 7 मई को भारत सरकार द्वारा 22 अप्रैल के पाक-प्रायोजित पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या की गई थी। इस सैन्य कार्रवाई को निर्णायक और स्पष्ट संदेश देने वाली कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है। भारत सरकार ने इस घटना के बाद सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों का गठन किया है, जो विभिन्न देशों का दौरा कर रहे हैं ताकि आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति और पाकिस्तान के आतंकी संबंधों को उजागर किया जा सके।