Sikandar Movie Review: सलमान खान की ‘सिकंदर’ ने ईद पर किया धमाल, एक्शन और इमोशन का बेहतरीन मिश्रण

Sikandar Movie Review: सलमान खान की 'सिकंदर' ने ईद पर किया धमाल, एक्शन और इमोशन का बेहतरीन मिश्रण
Sikandar Movie Review: सलमान खान की 'सिकंदर' ने ईद पर किया धमाल, एक्शन और इमोशन का बेहतरीन मिश्रण

मुंबई: सलमान खान एक बार फिर से बॉक्स ऑफिस के सिकंदर साबित हुए हैं, इस बार उनकी ईद पर रिलीज़ हुई फिल्म ‘सिकंदर’ ने दर्शकों का दिल जीत लिया है। ए.आर. मुरुगादोस द्वारा निर्देशित इस फिल्म में सलमान खान का दमदार एक्शन और रोमांटिक केमिस्ट्री देखने को मिली है, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा है।

कहानी

फिल्म की कहानी राजकोट के एक राजा संजय राजकोट उर्फ सिकंदर (सलमान खान) की है, जो अपनी पत्नी साईश्री (रश्मिका मंदाना) और लोगों के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाते हुए एक बड़े षड्यंत्र का शिकार हो जाते हैं। एक धमाके में साईश्री की मौत हो जाती है, और इसके बाद सिकंदर उसकी आँखों, फेफड़ों और दिल के अंगों को मुंबई में तीन अलग-अलग मरीजों को दान देने के बाद उनकी तलाश में निकलते हैं। यह फिल्म न केवल एक्शन से भरी हुई है, बल्कि अंग दान के महत्व का भी एक खूबसूरत संदेश देती है।

निर्देशन

निर्देशक ए.आर. मुरुगादोस ने इस फिल्म में शानदार एक्शन दृश्यों और भावनात्मक मोड़ों का बेहतरीन मिश्रण पेश किया है। ‘गजनी’ जैसी फिल्मों का जादू यहां भी देखने को मिला है। उनकी निर्देशकीय शैली और सिनेमाटोग्राफी ने फिल्म को और भी आकर्षक बना दिया है।

अभिनय

सलमान खान ने सिकंदर के रूप में अपने खास स्वैग और प्रभावशाली संवादों के साथ एक बेहतरीन प्रदर्शन दिया है। रश्मिका मंदाना ने साईश्री के किरदार में अपनी मासूमियत और गहरी भावनाओं को बहुत ही प्रभावी तरीके से दर्शाया है। वहीं, सत्यराज, प्रतीक, काजल अग्रवाल और अन्य कलाकारों ने भी अपनी भूमिकाओं में जबरदस्त अभिनय किया है।

वर्डिक्ट

‘सिकंदर’ एक संपूर्ण पैकेज है, जिसमें एक्शन, इमोशन और एंटरटेनमेंट का बेहतरीन मिश्रण है। ईद पर रिलीज़ हुई यह फिल्म दर्शकों के लिए एक खास तोहफा साबित हुई है। अगर आप एक्शन, रोमांस और इमोशन से भरपूर फिल्म देखना चाहते हैं, तो यह फिल्म सिनेमाघरों में जरूर देखें।

Pushpesh Rai
एक विचारशील लेखक, जो समाज की नब्ज को समझता है और उसी के आधार पर शब्दों को पंख देता है। लिखता है वो, केवल किताबों तक ही नहीं, बल्कि इंसानों की कहानियों, उनकी संघर्षों और उनकी उम्मीदों को भी। पढ़ना उसका जुनून है, क्योंकि उसे सिर्फ शब्दों का संसार ही नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगियों का हर पहलू भी समझने की इच्छा है।