SSC Exam Protest 2025: छात्रों और शिक्षकों क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन, कई शिक्षक गिरफ्तार

SSC Exam Protest 2025: छात्रों और शिक्षकों क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन, कई शिक्षक गिरफ्तार
SSC Exam Protest 2025: छात्रों और शिक्षकों क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन, कई शिक्षक गिरफ्तार

नई दिल्ली: कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की चयन पोस्ट फेज 13 परीक्षा में कथित कुप्रबंधन के खिलाफ देश के कई शहरों में शुक्रवार को दूसरे दिन भी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन जारी रहा। दिल्ली के अलावा अन्य कई जगह छात्रों और शिक्षकों ने प्रदर्शन करते हुए सुधार और जवाबदेही की मांग की। राजधानी में छात्रों और शिक्षकों ने विभागीय कर्मी प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के बाहर इकट्ठा होकर अपने आरोपों और मांगों को लेकर जोरदार आवाज़ उठाई।

गुरुवार को छात्रों ने जंतर मंतर पर धरना दिया था, जहां उन्होंने SSC की कार्यप्रणाली में बड़े बदलाव की मांग करते हुए नारेबाजी की थी। मौके पर मौजूद पुलिस ने छात्रों को शांतिपूर्ण ढंग से विरोध खत्म करने के लिए मनाने का प्रयास किया, लेकिन स्थिति जल्दी ही बिगड़ गई और प्रदर्शन हिंसक रूप ले लिया। इस दौरान कई शिक्षकों समेत प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। शिक्षिका नीतू सिंह, जिन्हें “नीतू मैम” के नाम से जाना जाता है, भी प्रदर्शन स्थल पर मौजूद थीं और उन्हें हिरासत में लिया गया था, लेकिन बाद में गुरुवार रात उन्हें रिहा कर दिया गया।

नीतू सिंह ने एनडीटीवी से बातचीत में बताया कि उनका मकसद प्रदर्शन करना नहीं था, बल्कि वे DoPT अधिकारियों और मंत्री से बैठक करना चाहती थीं, क्योंकि SSC के अधिकारी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि “छात्र कई वर्षों से समस्याओं का सामना कर रहे हैं और परीक्षा प्रणाली निष्पक्ष तरीके से संचालित नहीं हो रही है।”

नीतू मैम ने आगे कहा कि परीक्षा में कई समस्याएं हैं, जैसे गलत प्रश्नपत्र देना और जब इन मुद्दों को उठाया गया तो SSC ने कोर्ट में झूठी बहस की। उन्होंने बताया कि स्थिति अब और खराब हो गई है, क्योंकि कई छात्रों को उनके क्षेत्र से दूर परीक्षा केंद्र आवंटित किए जा रहे हैं।

छात्रों और शिक्षकों के प्रदर्शन के कारण

छात्रों ने कई गंभीर समस्याएं उजागर की हैं। इनमें शामिल है कई बार परीक्षा रद्द होना, एडमिट कार्ड परीक्षा से दो दिन पहले भी न मिलना जबकि आमतौर पर चार दिन पहले जारी होते हैं। एक छात्र को जयपुर से अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में परीक्षा केंद्र दिया गया, जो छात्र आवंटन के नियमों के विपरीत है।

तकनीकी खामियां जैसे सिस्टम क्रैश होना, माउस या अन्य उपकरणों का ठीक से काम न करना, स्क्रीन का ब्लैक आउट होना और सर्वर संबंधी दिक्कतें कई केंद्रों पर देखी गईं। छात्रों ने सुरक्षा कर्मियों और स्टाफ के अनुचित व्यवहार की भी शिकायत की है।

काला चिट्ठा झेल चुकी एजेंसी को परीक्षा सौंपी गई

इस साल की SSC चयन पोस्ट फेज 13 परीक्षा एजुकीविटी नामक एजेंसी द्वारा कराई गई, जिसे शिक्षा विभाग ने पहले ही ब्लैकलिस्ट कर दिया था। एजुकीविटी का नाम विख्यात व्यापम घोटाले से जुड़ा रहा है, जिसमें रिश्वतखोरी, सीट आवंटन में हेरफेर और परीक्षा में नकल जैसी घटनाएं सामने आई थीं। इस एजेंसी को इतनी संवेदनशील परीक्षा सौंपे जाने ने छात्रों और शिक्षकों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया।

आगामी SSC परीक्षाओं, जैसे कि संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा (CGL) को भी एजुकीविटी के हवाले किया जाना है, जिसमें 30 लाख से अधिक उम्मीदवार भाग लेंगे, जो परीक्षा के निष्पादन पर संदेह को और गहरा करता है।

आधार प्रमाणीकरण ने भी बढ़ाई मुश्किलें

इस बार आधार प्रमाणीकरण को अनिवार्य किए जाने से भी छात्रों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई छात्र फॉर्म जमा नहीं कर पाए या परीक्षा केंद्रों पर प्रमाणीकरण में बाधा आई।

परीक्षा रद्द होने की घटना से भड़के छात्र

सबसे बड़ी चिंता का विषय परीक्षा का बार-बार रद्द होना है। कई छात्र लंबा सफर तय कर परीक्षा केंद्र पहुंचे, लेकिन उन्हें वहां जाकर बताया गया कि परीक्षा बिना पूर्व सूचना के रद्द कर दी गई है, जिससे छात्रों में गुस्सा और निराशा फैल गई।

प्रदर्शनकारियों ने सरकार से शीघ्र सुधार और SSC परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की समस्याएं न दोहराई जाएं।