नई दिल्ली: भारतीय नौसेना ने 3 जुलाई 2025 को एक ऐतिहासिक पल का अनुभव किया जब सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया को “Wings of Gold” से सम्मानित किया गया। इससे वे नौसेना की फाइटर स्ट्रीम में प्रशिक्षित पहली महिला पायलट बनीं, एक यादगार मुकाम जो “Nari Shakti” को नई उड़ान देता है।
इतिहास रचने वाले ‘Wings of Gold’ समारोह
INS डेगा, विशाखापट्टनम में आयोजित पायथन कोर्स के दूसरे बैच के समापन समारोह में, रियर एडमिरल जनक बेवली (एसीएनएस एयर) ने आस्था और लैफ्टिनेंट अतुल कुमार ढुल को “Wings of Gold” से सम्मानित किया। नौसेना ने इसे “Naval Aviation में एक नया अध्याय” बताया।
फाइटर स्ट्रीम में महिला का प्रवेश
पहले महिलाएं नौसेना के मारिटाइम रिकॉन्सेंस और हेलिकॉप्टर ऑपरेशंस में पायलट थीं। आस्था का फाइटर स्ट्रीम में चयन इस पहल का विस्तार है, जो दिखाता है कि नौसेना आतंकवादी मानदंडों में लिंग समानता को कितनी गंभीरता से ले रही है।
आगामी जिम्मेदारियां
आस्था पूनिया अब MiG‑29K या नौसैनिक राफ़ेल जैसे हाई‑एडवांस्ड फाइटर जेट उड़ाने की तैयारी करेंगी, जो INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य जैसे एयरक्राफ्ट कैरियर्स पर तैनात हैं। यह उनके लिए गर्व का क्षण ही नहीं, बल्कि नौसेना की महत्त्वाकांक्षाओं का भी प्रतीक है।
नारी शक्ति की नई उड़ान
नौसेना ने आस्था की यह उपलब्धि “Nari Shakti” के लिए एक प्रेरणास्रोत बताया। यह संदेश देती है कि महिलाएं किसी भी ऊँचाई पर उड़ान भर सकती हैं, चाहे वह हवा में हो या समुद्र के ऊपर। सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया केवल एक पायथन कोर्स को पूरा नहीं कर गईं, बल्कि एक ऐतिहासिक सीमा को तोड़कर भारतीय नौसेना में महिला की नई पहचान बनाई है। यह न सिर्फ नौसेना में महिला भागीदारी को मजबूती देता है, बल्कि आने वाले दिनों में और महिलाओं को प्रेरणा भी देगा।