
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की एक ट्रायल कोर्ट को आदेश दिया कि वह मामले की कार्यवाही को अस्थायी रूप से रोक दे। यह मामला संभल में स्थित मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद का है, जिसे लेकर हिंदुओं का दावा है कि इसे एक हिंदू मंदिर को नष्ट करके बनाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद प्रबंधन समिति को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील करने की सलाह दी और कहा कि ट्रायल कोर्ट की आगे की कार्यवाही उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने शांति और सद्भाव बनाए रखने की बात कही और मस्जिद के सर्वेक्षण को लेकर ट्रायल कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश पर एकतरफा रोक लगाने का आग्रह किया। मस्जिद प्रबंधन समिति की तरफ से वरिष्ठ वकील हुजेफा अहमदी ने इस आदेश के खिलाफ अपील की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे स्वीकार नहीं किया। अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय की अनुमति के बिना कोई कार्यवाही नहीं होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर सर्वेक्षण के दौरान कोई रिपोर्ट तैयार की जाती है, तो उसे सीलबंद लिफाफे में रखा जाएगा और बिना उच्च न्यायालय की अनुमति के उसे खोला नहीं जाएगा। साथ ही, अदालत ने शांति बनाए रखने के लिए सॉलिसिटर जनरल से आश्वासन लिया और कहा कि इस मामले में किसी प्रकार की अशांति नहीं होनी चाहिए।
यह मामला तब गरमाया जब 24 नवंबर को मस्जिद के पास हिंसा भड़क उठी, जिसमें चार लोगों की गोली लगने से मौत हो गई। मस्जिद प्रबंधन समिति ने कहा कि यह मस्जिद 16वीं शताब्दी से अस्तित्व में है और लगातार मुस्लिम पूजा स्थल के रूप में इस्तेमाल होती रही है।