
नई दिल्ली: 2022 में राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल साहू की हत्या पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज़ को लेकर चल रहे विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हुई अहम सुनवाई में फिल्म के निर्माताओं को कोई राहत नहीं दी है और फिलहाल इसकी रिलीज पर रोक बनी रहेगी। कोर्ट ने साफ किया कि वह इस समय कोई अंतिम आदेश नहीं देगा और केंद्र सरकार के निर्णय का इंतजार किया जाएगा।
कोर्ट ने क्या कहा?
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार की ओर से गठित समीक्षा समिति इस मामले पर विचार कर रही है, और वह सभी पक्षों की बात सुन रही है। कोर्ट ने कहा, “पहले आप केंद्र के समक्ष अपनी दलीलें रखें, हम अभी दखल नहीं देंगे।”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र द्वारा बनाई गई समिति में फिल्म के खिलाफ आई आपत्तियों और आरोपियों के पक्ष दोनों को सुना जाएगा। इस समिति की अगली बैठक बुधवार, 17 जुलाई को दोपहर 2:30 बजे निर्धारित है।
21 जुलाई तक टली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 21 जुलाई तय की है। तब तक फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर लगी रोक जारी रहेगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि समिति को जल्द से जल्द इस मामले पर कोई स्पष्ट फैसला देना चाहिए।
निर्माता की अपील और दलील
फिल्म के निर्माता अमित जानी ने दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा लगाए गए रिलीज़ पर प्रतिबंध को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने कोर्ट में कहा कि उन्हें सेंसर बोर्ड से प्रमाण पत्र मिल चुका है और हाईकोर्ट को फिल्म के कंटेंट में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। निर्माताओं ने यह भी बताया कि फिल्म का पूर्व नाम कुछ और था, जिसे बाद में बदलकर ‘उदयपुर फाइल्स: कन्हैया लाल टेलर मर्डर’ किया गया।
दूसरी ओर क्या कहा गया?
कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपी मोहम्मद जावेद की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में दलील दी कि यह फिल्म एक समुदाय विशेष के खिलाफ नफरत फैलाने का सबसे खराब उदाहरण है। उन्होंने कहा कि इस फिल्म से न सिर्फ ट्रायल प्रभावित होगा, बल्कि समाज में पूर्वग्रह और सांप्रदायिक तनाव भी बढ़ सकता है, इसलिए इसकी रिलीज पर पूर्ण रोक लगाई जाए।
पृष्ठभूमि: किस पर आधारित है फिल्म?
‘उदयपुर फाइल्स’ फिल्म 28 जून 2022 को हुए उस जघन्य हत्याकांड पर आधारित है, जब उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल की दुकान में घुसकर दिनदहाड़े धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। यह घटना एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर हुई थी और इससे देशभर में गहरा आक्रोश फैल गया था।
अब आगे क्या?
अब सभी की निगाहें केंद्र सरकार की समिति पर टिकी हैं, जो 17 जुलाई को फिल्म के विरोध और समर्थन में आई दलीलों पर सुनवाई करेगी। 21 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट फिर से इस मामले पर विचार करेगा, तब यह तय होगा कि ‘उदयपुर फाइल्स’ फिल्म को हरी झंडी मिलेगी या नहीं।
फिलहाल यह साफ है कि ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज़ तत्काल संभव नहीं है और इसपर आगे का फैसला केंद्र और सुप्रीम कोर्ट की अगली कार्यवाही पर निर्भर करेगा।