‘Janaki vs State of Kerala’ फिल्म पर विवाद खत्म, बदले नाम के साथ सिनेमाघरों में हुई रिलीज, क्या था पूरा विवाद

'Janaki vs State of Kerala' फिल्म पर विवाद खत्म, बदले नाम के साथ सिनेमाघरों में हुई रिलीज, क्या था पूरा विवाद
'Janaki vs State of Kerala' फिल्म पर विवाद खत्म, बदले नाम के साथ सिनेमाघरों में हुई रिलीज, क्या था पूरा विवाद

नई दिल्ली: मलयालम फिल्म ‘जानकी बनाम स्टेट ऑफ केरल’ को लेकर चले विवाद का आखिरकार अंत हो गया है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) से मंजूरी मिलने के बाद फिल्म का नाम बदलकर ‘जानकी V बनाम स्टेट ऑफ केरल’ कर दिया गया है। अब यह फिल्म हिंदी, मलयालम, तमिल और तेलुगु में सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है।

इस फिल्म का निर्देशन प्रवीन नारायणन ने किया है और मुख्य भूमिकाओं में सुरेश गोपी और अनुपमा परमेश्वरन नजर आ रहे हैं। हालांकि, फिल्म को थिएटर तक लाना निर्माता-निर्देशकों के लिए आसान नहीं था। इस फिल्म पर सेंसर बोर्ड और धार्मिक भावनाओं को लेकर विवाद खड़ा हो गया था।

क्यों हुआ था विवाद?

फिल्म के पहले नाम ‘जानकी बनाम स्टेट ऑफ केरल’ पर सबसे ज्यादा आपत्ति जताई गई थी। सेंसर बोर्ड का कहना था कि ‘जानकी’ नाम मां सीता से जुड़ा है और इस नाम का इस्तेमाल एक ऐसी महिला के किरदार के लिए किया गया है जो यौन उत्पीड़न का शिकार होती है। इसे अनुचित बताया गया। इसके बाद मामला केरल हाईकोर्ट तक पहुंचा।

कोर्ट में सेंसर बोर्ड ने बदला रुख

पिछले सप्ताह हुई सुनवाई में सेंसर बोर्ड की ओर से पेश वकील ने बताया कि फिल्म को सिर्फ दो बदलावों के साथ पास किया गया है। पहला बदलाव फिल्म के टाइटल में किया गया, जहां अब स्पष्ट कर दिया गया है कि ‘जानकी’ का संदर्भ देवी सीता से नहीं बल्कि फिल्म की मुख्य पात्र जानकी विद्याधरण से है।

दूसरा बदलाव एक कोर्टरूम सीन से जुड़ा है, जहां पूछताछ के दौरान जानकी का नाम म्यूट करने की सलाह दी गई थी। कोर्ट ने इस पर फिल्म निर्माताओं से जवाब मांगा और इसके बाद निर्माता इन बदलावों पर सहमत हो गए।

92 से घटकर 2 बदलाव

महत्वपूर्ण बात यह है कि CBFC ने शुरू में फिल्म में 92 बदलाव और कट लगाने की सिफारिश की थी, लेकिन केरल हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद केवल 2 बदलावों पर ही सहमति बनी। इसके बाद फिल्म को रिलीज की मंजूरी मिल गई और यह 17 जुलाई को सिनेमाघरों में पहुंची।

सेंसर बोर्ड की क्षेत्रीय असहमति भी सामने आई

इस पूरे विवाद में एक और अहम पहलू यह सामने आया कि जहां मुंबई डिवीजन ने फिल्म पर आपत्ति जताई, वहीं केरल डिवीजन ने फिल्म को बिना किसी बदलाव के पास कर दिया था। इससे यह स्पष्ट होता है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में सेंसरशिप के मानदंड अलग-अलग तरीके से लागू किए जा रहे हैं। यह स्थिति उन फिल्म निर्माताओं के लिए बड़ी चुनौती बन रही है, जो पैन इंडिया रिलीज की योजना बनाते हैं।

पहले 20 जून को थी रिलीज

फिल्म पहले 20 जून को रिलीज होने वाली थी, लेकिन विवाद के चलते इसमें देरी हुई। अब, सभी जरूरी बदलावों और कानूनी प्रक्रिया के बाद फिल्म को आखिरकार रिलीज कर दिया गया है।

फिल्म ‘जानकी V बनाम स्टेट ऑफ केरल’ अब न केवल एक सामाजिक मुद्दे को उजागर कर रही है, बल्कि यह सेंसरशिप के क्षेत्रीय भेदभाव पर भी बहस का कारण बन गई है।