राजस्थान की राजधानी जयपुर में हुए भीषण अग्निकांड में मृतकों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 80 लोग घायल हैं। इनमें से 30 लोगों की हालत गंभीर है और उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। घायलों की हालत को देखते हुए मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
यह दुर्घटना इतनी भयानक थी कि कई मृतकों के शव इतने बुरी तरह जल गए हैं कि उनकी पहचान करना मुश्किल हो रहा है। ऐसी स्थिति में सरकार ने मृतकों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराने का फैसला किया है। सवाई मान सिंह अस्पताल की मोर्चरी से डीएनए सैंपल लिए गए हैं, जो जांच के लिए भेजे गए हैं। फिलहाल 6 शव ऐसे हैं, जिनकी पहचान नहीं हो पाई है।
पुलिस और प्रशासन ने हादसे की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। इस दौरान यह सामने आया कि जो बस आग में जलकर खाक हो गई, उसका परमिट 16 महीने पहले ही खत्म हो चुका था। इसका मतलब है कि इस बस का चलना अवैध था, और हादसे की वजह यह भी हो सकती है। पुलिस इस मामले में और जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कर रही है।
यह हादसा जयपुर के एक व्यस्त इलाके में हुआ, जिससे आसपास के लोगों में भी भारी डर और घबराहट फैल गई। स्थानीय प्रशासन ने घायल लोगों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया और उनके इलाज के लिए मेडिकल टीम को तैनात किया। इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद, इलाके में सुरक्षा इंतजामों को लेकर सवाल उठने लगे हैं।