RG KAR मामले में सजा पर हाई कोर्ट में होगी सुनवाई, CBI ने किया ममता सरकार का विरोध

RG KAR मामले में सजा पर हाई कोर्ट में होगी सुनवाई, CBI ने किया ममता सरकार का विरोध
RG KAR मामले में सजा पर हाई कोर्ट में होगी सुनवाई, CBI ने किया ममता सरकार का विरोध

कोलकाता: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पश्चिम बंगाल सरकार की उस अपील का विरोध किया है, जिसमें राज्य सरकार ने कालीकट उच्च न्यायालय से RG कर अस्पताल के रेप और हत्या मामले में दोषी ठहराए गए सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को दी गई आजीवन कारावास की सजा को चुनौती दी है। राज्य सरकार ने रॉय के खिलाफ मौत की सजा की मांग की है।

सीबीआई कोर्ट ने संजय रॉय को पिछले शनिवार को दोषी ठहराया था और उसे महिला चिकित्सक प्रशिक्षु के साथ दुष्कर्म और हत्या करने के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही, कोर्ट ने रॉय पर ₹50,000 का जुर्माना भी लगाया।

राज्य सरकार ने कालीकट उच्च न्यायालय में दाखिल अपनी अपील में रॉय को मौत की सजा देने की मांग की है। लेकिन सीबीआई ने अदालत में कहा कि “सजा की अपर्याप्तता” को लेकर केवल अभियोजन एजेंसी ही अपील कर सकती है। सीबीआई ने आगे कहा कि चूंकि इस मामले की जांच सीबीआई ने की है, इसलिए राज्य सरकार को इस मामले में अपील करने का अधिकार नहीं है।

सीबीआई ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले में केवल वही एजेंसी अपील कर सकती है, जिसने मामले की जांच की है। राज्य सरकार की ओर से अदालत में पेश हुए महाधिवक्ता ने कहा कि प्रारंभिक FIR कोलकाता पुलिस ने दर्ज की थी और यह मामला बाद में सीबीआई को सौंपा गया था। उन्होंने यह भी कहा कि “कानून और व्यवस्था राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में है।”

इस मामले में सीबीआई, पीड़ित के परिवार और आरोपी के पक्ष से तर्कों को सुनने के बाद उच्च न्यायालय यह फैसला करेगा कि राज्य सरकार की अपील स्वीकार की जानी चाहिए या नहीं। मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी को होगी।

संजय रॉय पर भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 64 (दुष्कर्म), धारा 66 (मृत्यु का कारण बनने की सजा), और धारा 103 (हत्या) के तहत आरोप लगाए गए हैं।

पिछले साल 9 अगस्त की तड़के, प्रशिक्षु डॉक्टर का शव RG कर अस्पताल के एक सेमिनार हॉल में मिला था। अगले दिन संजय रॉय को इस अपराध में गिरफ्तार कर लिया गया था।

इस घिनौने अपराध ने देशभर में आक्रोश फैलाया था और महिला कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों द्वारा आयोजित रैली के दौरान 15 अगस्त को अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में भीड़ ने तोड़फोड़ कर दी थी। यह घटना काफी हिंसक हो गई थी।

महकमा और न्यायिक प्रक्रिया की यह जटिलता और सार्वजनिक आक्रोश इस मामले को और अधिक संवेदनशील बना देता है, और अब कालीकट उच्च न्यायालय में इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।

Digikhabar Editorial Team
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