नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए डिप्टी गवर्नर की नियुक्ति को लेकर मंथन तेज हो गया है। कैबिनेट सचिव टी. वी. सोमनाथन की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय समिति इस पद के लिए चार संभावित उम्मीदवारों पर विचार कर रही है।
पूर्व डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा का कार्यकाल 14 जनवरी को समाप्त हो गया था, और तब से यह पद खाली है। फिलहाल, आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव अंतरिम रूप से मौद्रिक नीति विभाग (Monetary Policy Department) की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
कौन हो सकता है अगला डिप्टी गवर्नर?
वित्तीय क्षेत्र नियामक नियुक्ति खोज समिति (FSRASC) इस नियुक्ति की प्रक्रिया को देख रही है। सूत्रों के मुताबिक, मध्य जनवरी में साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जिन नामों पर विचार किया जा रहा है, उनमें शामिल हैं—
- नालमला भानुमूर्ति – मद्रास स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के निदेशक
- ऋत्विक पांडे – 16वें वित्त आयोग के सचिव
- पूनम गुप्ता – पूर्व विश्व बैंक अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य
- अजीत रानाडे – प्रसिद्ध अर्थशास्त्री
इसके अलावा, मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंता नागेश्वरन भी इस दौड़ में थे, लेकिन उन्हें हाल ही में 2027 तक दो साल का कार्यकाल विस्तार दिया गया है।
नियुक्ति कब तक होगी?
सूत्रों के अनुसार, सरकार इस हफ्ते औपचारिक घोषणा कर सकती है। आरबीआई अधिनियम, 1934 के अनुसार, केंद्रीय बैंक में चार डिप्टी गवर्नर होने चाहिए—
- दो आरबीआई के आंतरिक अधिकारी,
- एक वाणिज्यिक बैंकिंग क्षेत्र से,
- और एक अर्थशास्त्री, जो मौद्रिक नीति विभाग की जिम्मेदारी संभाले।
नए डिप्टी गवर्नर की नियुक्ति में 60 वर्ष की आयु सीमा का नियम लागू होता है, लेकिन FSRASC विशेष मामलों में इस नियम में छूट देने का अधिकार रखती है।
अब देखना यह होगा कि इन चार दावेदारों में से किसके नाम पर मुहर लगती है और भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने के लिए अगला डिप्टी गवर्नर कौन होगा।