‘दुनिया को हम पर हंसना चाहिए’: पाकिस्तान उच्च न्यायालय ने सरकार से क्यों कही ये बात
‘दुनिया को हम पर हंसना चाहिए’: पाकिस्तान उच्च न्यायालय ने सरकार से क्यों कही ये बात
फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्विटर जैसे प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रतिबंध लगाने के पाकिस्तान के हालिया फैसले ने डिजिटल परिदृश्य में स्तब्ध कर दिया है, जिससे इस तरह के कठोर कदम के अंतर्निहित उद्देश्यों और निहितार्थों के बारे में सवाल उठने लगे हैं।
यह प्रतिबंध बढ़ते राजनीतिक तनाव, सामाजिक अशांति और गलत सूचना तथा भड़काऊ सामग्री के प्रसार पर चिंताओं की पृष्ठभूमि के बीच लगाया गया है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने प्रतिबंध के औचित्य के रूप में इन कारणों का हवाला दिया है और दावा किया है कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने और झूठी सूचना के प्रसार को रोकने के लिए यह आवश्यक है जो हिंसा भड़का सकती है या देश को अस्थिर कर सकती है।
प्रतिबंध लगाने वाली प्राथमिक चिंताओं में से एक सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर फर्जी खबरों और नफरत भरे भाषण का प्रसार है, जो हिंसा और सांप्रदायिक अशांति की घटनाओं से जुड़े हुए हैं। हाल के वर्षों में, पाकिस्तान ऑनलाइन गलत सूचनाओं में वृद्धि से जूझ रहा है, विशेष रूप से धर्म, राजनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील विषयों पर। इन प्लेटफार्मों पर प्रतिबंध लगाने का सरकार का निर्णय इन चुनौतियों का समाधान करने और हानिकारक सामग्री के प्रसार को रोकने की आवश्यकता की बढ़ती मान्यता को दर्शाता है।
एसएचसी के मुख्य न्यायाधीश अकील अहमद अब्बासी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जिसे पहले ट्विटर कहा जाता था, के निलंबन पर कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा, “आप (आंतरिक मंत्रालय) तुच्छ चीजों को बंद करके क्या हासिल कर रहे हैं। पाकिस्तान उच्च न्यायालय ने सरकार कहा कि दुनिया को हम पर हंसना चाहिए,” गौरतलब है कि इन सोशल मीडिया वेबसाइट्स और ऐप्स को 11 बजे से 3 बजे तक के लिए ब्लॉक करने का आदेश दिया गया है. हालांकि अभी तक इसकी वजह नहीं पता है कि ब्लॉक क्यों किया गया है। चूंकि पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) की तरफ से प्रदर्शन किए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इसी प्रोटेस्ट की वजह से पाकिस्तान में सोशल मीडिया को ब्लॉक करने का फैसला लिया गया है।
सोशल मीडिया बैन से पहले पाकिस्तानी TV चैनल्स से तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के प्रोटेस्ट की कवरेज को भी बैन कर दिया गया है। “डॉन” की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान टेलीकॉम अथॉरिटी के चेयरमैन ने कहा है कि उनसे इस मैटर पर तत्काल ऐक्शन लेने को कहा गया है।
पाकिस्तान में प्रदर्शन का क्या है कारण ?
दरअसल पाकिस्तान में फ्रांस के खिलाफ कई धार्मिक संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं. इनमें TLP भी शामिल है जिसे वहां बैन कर दिया गया है। फ्रांस के खिलाफ प्रदर्शन फ्रांस में पैंगबर मुहम्मद के कार्टून बनाए जाने को लेकर हो रहा है। इसी बीच फ्रांस ने भी अपने सिटिजन्स को पाकिस्तान छोड़ने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि पिछले साल फ्रेंच प्रेसिडेंट ने पैगंबर मुहम्मद के कैरिकेचर को फ्रीडम ऑफ स्पीच का हवाला दे कर डिफेंड किया था। इसके बाद से कई मुश्लिम देशों ने फ्रांस का बायकॉट शुरू कर दिया। इसी को लेकर अब पाकिस्तान में प्रोटेस्ट हो रहे हैं और प्रोटेस्ट में हिंसा भी हो रही है।