तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता जवाहर सरकार ने रविवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे पत्र से बहस छेड़ दी। उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा देने का फैसला किया है। सरकार का इस्तीफा कोलकाता में एक डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के बाद आया है। इस घटना ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया है। जवाब में टीएमसी के ही एक नेता कुणाल घोष ने सरकार के पत्र के एक बड़े हिस्से से अपनी सहमति जताई।
कुणाल घोष ने कोलकाता में संवाददाताओं से कहा “हमें पता चला है कि जवाहर सरकार ने अपना फैसला ले लिया है। वह देश के सबसे बेहतरीन नौकरशाहों में से एक थे और पश्चिम बंगाल से एक अलग पहचान रखते थे। यह उनकी निजी पसंद, फैसला और पत्र है और उन्हें ऐसा कदम उठाने का पूरा अधिकार है। हम बस यह बताना चाहते हैं कि हम भी उनके पत्र के सार और उसमें उठाए गए सवालों से सहमत हैं।” इससे पहले दिन में जवाहर सरकार ने टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी को लिखे पत्र में पूर्व शिक्षा मंत्री से जुड़े घोटाले के बाद भ्रष्टाचार से निपटने के राज्य सरकार के तरीके पर अपनी निराशा जताई।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की घटना, जहां 31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई, उनके निर्णय का निर्णायक बिंदु थी। जवाहर सरकार ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि ममता बनर्जी के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के माध्यम से महत्वपूर्ण सुधारों की उनकी शुरुआती उम्मीदों के बावजूद, बहुत कम प्रगति हुई है।