भारतीय चुनावों में दखल का आरोप पर ट्रंप ने बाइडेन प्रशासन पर साधा निशाना, ‘इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला’

भारतीय चुनावों में दखल का आरोप पर ट्रंप ने बाइडेन प्रशासन पर साधा निशाना, 'इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला'
भारतीय चुनावों में दखल का आरोप पर ट्रंप ने बाइडेन प्रशासन पर साधा निशाना, 'इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला'

वाशिंगटन/नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार रात बाइडेन प्रशासन पर भारतीय चुनावों में हस्तक्षेप करने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) द्वारा भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए $21 मिलियन (करीब 174 करोड़ रुपये) की फंडिंग रोकने का फैसला इस साजिश का खुलासा करता है।

ट्रंप ने बाइडन पर लगाया बड़ा आरोप

मियामी में आयोजित FII प्रायोरिटी समिट को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा,
“हमें भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए $21 मिलियन खर्च करने की क्या जरूरत है? लगता है कि वे (बाइडेन प्रशासन) वहां किसी और को जिताने की कोशिश कर रहे थे। हमें भारतीय सरकार को बताना चाहिए, यह पूरी तरह से खुलासा करने वाला मामला है।”

ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत अमीर देश है और दुनिया के सबसे ज्यादा कर वसूलने वाले देशों में से एक है। उन्होंने अमेरिका और भारत के व्यापार संबंधों को लेकर भी नाराजगी जताई।
“हम वहां बमुश्किल व्यापार कर सकते हैं क्योंकि वे बहुत ज्यादा टैरिफ लगाते हैं। मुझे भारत और उसके प्रधानमंत्री का सम्मान है, लेकिन मतदाता टर्नआउट बढ़ाने के लिए $21 मिलियन देना?” ट्रंप ने सवाल उठाया।

‘इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला’

ट्रंप के बयान के बाद लेखक और अर्थशास्त्री संजीव सान्याल ने भी इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने अमेरिका द्वारा अन्य देशों में फंडिंग पर सवाल उठाते हुए USAID (यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट) को “इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला” करार दिया।

सान्याल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,
“मैं यह जानने के लिए उत्सुक हूं कि भारत में ‘मतदाता टर्नआउट’ बढ़ाने के लिए दिए गए $21 मिलियन, बांग्लादेश में ‘राजनीतिक परिदृश्य मजबूत’ करने के लिए $29 मिलियन और नेपाल में ‘वित्तीय संघवाद’ के नाम पर $39 मिलियन आखिर किसके पास गए? USAID मानव इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला है।”

एलन मस्क के DOGE ने कई अंतरराष्ट्रीय फंडिंग प्रोजेक्ट किए रद्द

DOGE, जिसकी कमान टेक अरबपति एलन मस्क के हाथों में है, ने 16 फरवरी को घोषणा की कि अमेरिकी करदाताओं के पैसे से चलने वाले कई अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स को बंद कर दिया गया है, जिनमें भारत के लिए आवंटित $21 मिलियन की फंडिंग भी शामिल है।

DOGE के आधिकारिक बयान के मुताबिक, रद्द किए गए प्रोजेक्ट्स में शामिल हैं:

  • बांग्लादेश: “राजनीतिक परिदृश्य मजबूत करने” के लिए $29 मिलियन
  • नेपाल: “वित्तीय संघवाद और जैव विविधता संरक्षण” के लिए $39 मिलियन
  • मोज़ाम्बिक: “स्वैच्छिक पुरुष खतना” के लिए $10 मिलियन
  • लाइबेरिया: “मतदाता विश्वास” बढ़ाने के लिए $1.5 मिलियन
  • माली: “सामाजिक समरसता” के लिए $14 मिलियन
  • दक्षिणी अफ्रीका: “समावेशी लोकतंत्र” के लिए $2.5 मिलियन
  • एशिया: “शैक्षिक परिणाम सुधारने” के लिए $47 मिलियन

भारत में राजनीतिक बहस तेज

ट्रंप के इस दावे के बाद भारत में भी राजनीतिक बहस तेज हो गई है। जहां बीजेपी समर्थकों ने इसे भारत की संप्रभुता में हस्तक्षेप बताया, वहीं विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर स्पष्ट जांच की मांग की है।

अब देखना यह होगा कि बाइडेन प्रशासन इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है और क्या यह मुद्दा अमेरिका-भारत संबंधों को प्रभावित करेगा या नहीं।

Digikhabar Editorial Team
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