UP पुलिस के एग्जाम पेपर लीक होने वाला मसला अब बहुत बढ़ गया है, और स्थिति सरकार से हाथो से निकलती दिखाई दे रही है। उत्तर प्रदेश के मिशन रोजगार के तहत पुलिस महकमे में भर्ती के लिए 17 और 18 फरवरी को परीक्षा हुई थी, यह पेपर 6024 पुलिस कांस्टेबल पदों के लिए हुआ था, जिसमें 75 जिलों में करीब 48 लाख छात्र शामिल थे, इस बीच पहले ही दिन पहली पाली के दौरान ही सोशल मीडिया पर कई पोस्ट में दावा किया गया कि पेपर लीक हो गया है, पेपर लीक होने की खबर से छात्रों के मन में कई सवाल और सरकार के प्रति आलोचना बढ़ती ही जा रही है।
हाथ में तख्ती थामे यह छात्र सुबह से लेकर शाम तक यूपी के अलग-अलग शहरों में प्रदर्शन कर रहे हैं, RO और ARO का पेपर लीक होने के आरोप में छात्रों का गुस्सा बहुत बढ़ गया है, 20 फरवरी को प्रयागराज में छात्रों ने सुबह से लेकर दोपहर तक उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के गेट के बाहर सड़क पर धरना दिया, लेकिन जब शाम होते-होते छात्रों की मांग नहीं सुनी गई तो उनके सब्र का बाण टूट गया। प्रदर्शन करने वाले ये छात्र यूपी लोक सेवा आयोग के चेयरमैन संजय श्रीनेत के घर के बाहर पोस्टर बैनर लेकर धरने पर बैठ गए।
प्रयागराज में देर रात ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज से लेकर गोविंदपुर सब्जी मंडी तक छात्रों ने प्रतिशोध मार्च निकाला इस दौरान छात्रों के हाथ में जो पोस्टर बैनर थे उस पर लिखा था “पेपर लीक है सरकार बिल्कुल वीक है”, यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा में धानली के आरोपों के बाद अभ्यर्थियों का प्रदर्शन जारी है छात्रों की मांग है कि पेपर लीक मामले में जांच उच्च स्तरीय कमेटी से कराई जाए समीक्षा यानी आरो और सहायक समीक्षा यानी ARO की परीक्षा फिर से करवाई जाए।
भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष रेणुका मिश्रा ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा, छात्रों की ओर से सोशल मीडिया पर जो समस्याएं बताई जा रही हैं, उन समस्याओं को देखते हुए बोर्ड के द्वारा इंटर्नल कमेटी गठित की गई है, 48 लाख बच्चों के भविष्य का सवाल है, किसी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे।
इस आश्वासन के बाद अब भी छात्रों की मांग है कि इस परीक्षा को फिर से करवाया जाना चाहिए, जो छात्र पेपरली सबूत दे रहे हैं, उनके नाम गोपनीय रखे जाएं और इसके लिए आयोग नोटिस भी जारी करें, साथ ही जिस प्रिंटिंग प्रेस से पेपर छपे थे उसे तुरंत बैन किया जाए ताकि आने वाले दिनों में बाकी पेपर लीक को रोका जा सके।
विपक्ष यह सवाल उठ रहा है कि तमाम सरकारी दावों के बाद भी आखिर क्यों और कैसे पेपर लीक हुए जा रहे हैं और यह आखिर थमेगा कब, इससे ना सिर्फ रोजगार की आस लगाए छात्रों का सब्र टूटता है, बल्कि सरकार भी हजारों रुपए और संसाधन लगाती है जो बर्बाद होता है।