चमोली, उत्तराखंड: भारतीय सेना ने उत्तराखंड के चमोली जिले में माना गांव के पास एवलांच (हिमस्खलन) में फंसे और मजदूरों को बचाने में सफलता हासिल की है। अब तक कुल 47 मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, लेकिन कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। इनमें से एक की स्थिति नाजुक बनी हुई है।
भारी बर्फबारी में दबे 55 मजदूर
शुक्रवार सुबह बार्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) के कैंप पर भारी हिमस्खलन हुआ, जिसमें 55 मजदूर बर्फ के नीचे दब गए। राज्य आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन के अनुसार, प्रारंभिक रिपोर्ट में 57 मजदूर बताए गए थे, लेकिन बाद में पता चला कि दो मजदूर छुट्टी पर थे।
रातभर चला सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन
कठोर मौसम परिस्थितियों के बावजूद भारतीय सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 150 से अधिक जवानों की टीम रातभर रेस्क्यू अभियान में जुटी रही। बचाए गए मजदूरों को तुरंत माना आर्मी कैंप में ले जाया गया, जहां उन्हें चिकित्सा सुविधा दी जा रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने पीएम मोदी को दी जानकारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात कर रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा की। सीएम धामी ने पीएम मोदी को भारी बर्फबारी और बारिश से पैदा हुई चुनौतियों के बारे में जानकारी दी। पीएम ने राज्य सरकार को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया।
गंभीर रूप से घायल मजदूरों को एयरलिफ्ट करने के निर्देश
मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को गंभीर रूप से घायल मजदूरों को एयरलिफ्ट करने का निर्देश दिया है। माना हेलिपैड को जल्द से जल्द तैयार करने के आदेश दिए गए हैं ताकि मरीजों को एम्स ऋषिकेश जैसी बेहतरीन चिकित्सा सुविधाओं तक पहुंचाया जा सके।
सीएम धामी खुद पहुंचे ग्राउंड जीरो पर
सीएम धामी ने घोषणा की कि वे खुद चमोली पहुंचकर स्थिति का जायजा लेंगे। उन्होंने कहा, “भगवान बद्री विशाल के आशीर्वाद और हमारी रेस्क्यू टीमों की मेहनत से हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जाए।”
7 फीट बर्फ में फंसे मजदूर, रेस्क्यू में आ रही दिक्कतें
इस हिमस्खलन ने आठ कंटेनरों और एक झोपड़ी को अपनी चपेट में ले लिया, जहां मजदूर तैनात थे। करीब 7 फीट मोटी बर्फ जमने के कारण रेस्क्यू अभियान बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है। प्रभावित मजदूर उत्तराखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं।
आईएएफ हेलीकॉप्टर रेस्क्यू में होंगे शामिल
भारतीय वायुसेना के Mi-17 हेलीकॉप्टर को शनिवार सुबह से बचाव कार्य में शामिल किया जाएगा। सेना के जवानों के साथ आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल कर फंसे हुए मजदूरों तक पहुंचने का प्रयास जारी है।
गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की प्रतिक्रिया
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि फंसे हुए मजदूरों को बचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने सीएम धामी और आईटीबीपी व एनडीआरएफ के डीजी से बातचीत कर ताजा स्थिति का जायजा लिया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे “दुर्भाग्यपूर्ण घटना” करार दिया और भरोसा दिलाया कि बचाव कार्य के लिए हर संभव संसाधन तैनात किए जा रहे हैं।
मौसम की चुनौती, फिर भी जारी रहेगा रेस्क्यू ऑपरेशन
डिफेंस जियोइन्फॉर्मेटिक्स रिसर्च एस्टाब्लिशमेंट (DGRE) ने एक दिन पहले ही उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में हिमस्खलन की चेतावनी जारी की थी। चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जैसे इलाकों में अब भी भारी बर्फबारी और बारिश की संभावना जताई गई है।
स्थानीय प्रशासन हाई अलर्ट पर
मुख्यमंत्री धामी ने जोशीमठ में एक आपदा नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, मजदूरों के परिवारों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिए गए हैं।
बचाव अभियान अभी भी पूरी ताकत से जारी है, और प्रशासन समय के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए फंसे हुए मजदूरों को बचाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहा है।