
नागपुर: महाराष्ट्र के संबाजी नगर में स्थित मुगल शासक औरंगज़ेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर नागपुर में हिंदू संगठनों द्वारा किए गए प्रदर्शन के बाद हिंसक झड़पें भड़क उठीं। इस घटना में 60 से 65 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जबकि 25 से 30 पुलिसकर्मी घायल हो गए।
शहर में धारा 144 लागू
प्रदर्शनकारियों ने 25 मोटरसाइकिलों और तीन कारों को आग के हवाले कर दिया। इसके बाद शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है, जिससे किसी भी प्रकार की सभा और रैली पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
हंसरपुरी में देर रात फिर भड़की हिंसा
रात करीब 10:30 से 11:30 बजे के बीच नागपुर के हंसरपुरी क्षेत्र में फिर से हिंसा भड़क उठी। भीड़ ने वाहनों को आग लगा दी और घरों व एक क्लिनिक में भी तोड़फोड़ की।
कैसे भड़की हिंसा?
बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) जैसे हिंदू संगठनों ने औरंगज़ेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। इसी दौरान एक भड़काऊ फोटो जलाने की घटना के बाद माहौल बिगड़ गया और रात करीब 8 बजे दोनों पक्षों में पथराव शुरू हो गया।
पुलिस की कड़ी कार्रवाई
नागपुर पुलिस कमिश्नर डॉ. रवींद्र सिंगल ने बताया कि हालात को नियंत्रण में कर लिया गया है और सीसीटीवी फुटेज की जांच कर आरोपियों की पहचान की जा रही है। एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया भी जारी है।
सीएम और गडकरी की अपील
मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि पुलिस हालात पर पैनी नजर बनाए हुए है। वहीं, स्थानीय सांसद नितिन गडकरी ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा कि अफवाहों पर ध्यान न दें।
नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे धारा 144 का पालन करें, जरूरी काम के बिना बाहर न निकलें और शहर में शांति बनाए रखने में सहयोग करें।