Viral News: मूसलधार बारिश और भूस्खलन के बीच छात्रों ने बुक किया हेलिकॉप्टर, परीक्षा देने के लिए खर्च किया ₹10,400 रूपए

Viral News: मूसलधार बारिश और भूस्खलन के बीच छात्रों ने बुक किया हेलिकॉप्टर, परीक्षा देने के लिए खर्च किया ₹10,400 रूपए
Viral News: मूसलधार बारिश और भूस्खलन के बीच छात्रों ने बुक किया हेलिकॉप्टर, परीक्षा देने के लिए खर्च किया ₹10,400 रूपए

मुनस्यारी (पिथौरागढ़): उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी में भारी बारिश और लगातार हो रहे भूस्खलनों के चलते जब सड़क मार्ग पूरी तरह बंद हो गया, तो राजस्थान के चार बीएड छात्रों ने अपनी परीक्षा समय पर देने के लिए हेलिकॉप्टर से उड़ान भरने का साहसिक फैसला लिया। यह कदम उनके लिए न केवल महंगा, बल्कि जोखिम भरा भी था, लेकिन भविष्य दांव पर लगा होने के कारण उन्होंने यह कठिन रास्ता चुना।

₹10,400 की एकतरफा उड़ान

राजस्थान से आए ओमाराम जाट, मगाराम जाट, प्रकाश गोदारा जाट और लकी चौधरी, उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी, हल्द्वानी के छात्र हैं। उनकी परीक्षा मुनस्यारी के राजकीय डिग्री कॉलेज में होनी थी। लेकिन भारी बारिश के कारण थल-मुनस्यारी और मुनस्यारी-मिलम मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो चुके थे। लगातार हो रहे भूस्खलनों ने क्षेत्र की सड़क व्यवस्था को ठप कर दिया था।

हल्द्वानी और पिथौरागढ़ में टैक्सी चालकों से संपर्क करने के बाद भी उन्हें निराशा हाथ लगी, क्योंकि कोई भी ड्राइवर जोखिम उठाने को तैयार नहीं था। छात्रों ने बताया कि जब हर ओर से रास्ते बंद हो गए, तब उन्होंने हेलिकॉप्टर सेवा देने वाली हेरिटेज एविएशन से संपर्क किया और ₹10,400 प्रति व्यक्ति की दर से चार्टर फ्लाइट बुक की।

जहां सड़क मार्ग से यह यात्रा लगभग 280 किमी की होती और 10 घंटे से अधिक का समय लेती, वहीं हेलिकॉप्टर के जरिए मात्र 25 से 30 मिनट में छात्र मुनस्यारी पहुंच गए और अपनी परीक्षा समय पर दे पाए।

“एक साल बर्बाद होने से बचा”: छात्र बोले राहत की सांस ली

छात्र ओमाराम जाट ने बताया,

“हमने उम्मीद छोड़ दी थी कि परीक्षा में बैठ पाएंगे। लेकिन जब हेलिकॉप्टर का विकल्प मिला, तो हम सबने तय किया कि खर्च चाहे जितना हो, भविष्य से बड़ा कुछ नहीं है।”

परीक्षा देने के बाद छात्र अगले दिन उसी हेलिकॉप्टर सेवा से वापस लौटे। हालांकि यह उनके लिए महंगा सौदा साबित हुआ, लेकिन सभी ने राहत की सांस ली कि उनका एक साल बर्बाद होने से बच गया।

पिथौरागढ़ में अब तक 250 से अधिक भूस्खलन

पिथौरागढ़ जिला इस मानसून में उत्तराखंड के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक रहा है। मई से अब तक जिले में 250 से अधिक भूस्खलनों की घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे कई दूरदराज के गांवों का संपर्क मुख्य मार्गों से टूट गया है। राहत और पुनर्निर्माण कार्य जारी हैं, लेकिन प्रशासन ने गैर-जरूरी यात्रा से बचने की अपील की है।

यह घटना न केवल इन चार छात्रों के शिक्षा के प्रति समर्पण को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में छात्रों और आम नागरिकों के लिए विकल्प और सहायता प्रणाली कितनी आवश्यक है। प्रशासन के लिए यह एक संकेत है कि आपात परिस्थितियों में शैक्षणिक गतिविधियों को बनाए रखने के लिए वैकल्पिक उपायों पर ध्यान देना जरूरी है।

बढ़ती प्राकृतिक आपदाओं के बीच यह कहानी छात्रों की लगन, हिम्मत और शिक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। कठिन परिस्थितियों में लिया गया यह साहसिक निर्णय कई अन्य छात्रों को प्रेरित कर सकता है, साथ ही शासन-प्रशासन को भी आपदा प्रबंधन की दिशा में व्यवहारिक योजनाएं बनाने के लिए प्रेरित करता है।