कोलकाता/मुर्शिदाबाद: पश्चिम बंगाल का मुर्शिदाबाद ज़िला रविवार को जले हुए घरों, खाली सड़कों और गश्त करती पैरा मिलिट्री की तस्वीर बनकर रह गया। वक्फ कानून को लेकर भड़की हिंसा ने अब तक तीन लोगों की जान ले ली है, जिनमें एक बाप-बेटे की निर्मम हत्या और एक किशोर की गोली लगने से मौत शामिल है। 150 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और पुलिस छापेमारी में बीती रात 12 और संदिग्ध दबोचे गए।
कोर्ट की सख्ती के बाद मैदान में उतरी पैरा मिलिट्री
शनिवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने हालात को देखते हुए आदेश दिया कि संवेदनशील इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती हो। कोर्ट ने कहा, “हम इन जिलों में हो रही तोड़फोड़ और हिंसा को नजरअंदाज नहीं कर सकते।” आदेश मिलते ही मुर्शिदाबाद, नॉर्थ 24 परगना और हुगली के चांपदानी इलाके में पैरामिलिट्री फ्लैग मार्च पर निकल पड़ी।
दर्दनाक मंजर
इस हिंसा की सबसे दर्दनाक तस्वीर तब सामने आई जब हरगोविंद और उनके बेटे चंदन दास को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला।
वहीं मुर्शिदाबाद के सुत्ती इलाके में झड़प के दौरान 17 वर्षीय इज़ाज़ अहमद शेख पुलिस की गोली का शिकार हो गया।
एक अन्य प्रदर्शनकारी भी गोली लगने से जान गंवा बैठा।
पुलिस पर भी हमला, 18 जवान घायल
हिंसा इतनी उग्र थी कि कम से कम 18 पुलिसकर्मी घायल हो गए। कई जगहों पर पुलिस पर पथराव हुआ और वाहनों को आग लगा दी गई। प्रदर्शनकारी हाल ही में लागू किए गए वक्फ कानून का विरोध कर रहे थे, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर अफवाहों का तगड़ा जाल फैल गया।
इंटरनेट बंद, धारा 163 लागू,
राज्य के पुलिस प्रमुख राजीव कुमार ने चेतावनी दी है कि “कोई भी अफवाह फैलाने की कोशिश करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। अफवाहें ही इस हिंसा का सबसे बड़ा कारण बनी हैं।” सरकार ने मुर्शिदाबाद समेत हिंसा प्रभावित इलाकों में धारा 163 (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) के तहत प्रतिबंध लागू कर दिए हैं और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। करीब 300 BSF जवानों के साथ 5 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं। खुद राजीव कुमार और वरिष्ठ अधिकारी शमशेरगंज जैसे हॉटस्पॉट में फ्लैग मार्च कर रहे हैं। 23 अधिकारियों की स्पेशल टास्क फोर्स (जिसमें 10 DSP स्तर के अधिकारी शामिल हैं) को चार दिनों के लिए मुर्शिदाबाद में तैनात किया गया है।